भोजपुरी के बढ़िया वीडियो देखे खातिर आ हमनी के चैनल सब्सक्राइब करे खातिर क्लिक करीं।
Home भोजपुरी साहित्य विद्या शंकर विद्यार्थी जी के तीन गो रचना

विद्या शंकर विद्यार्थी जी के तीन गो रचना

0
विद्या शंकर विद्यार्थी जी
विद्या शंकर विद्यार्थी जी

आई पढ़ल जाव विद्या शंकर विद्यार्थी जी के लिखल तीन गो भोजपुरी रचना , पढ़ीं आ आपन राय बताइ कि रउवा इ भोजपुरी रचना कइसन लागल आ रचनाकार के मनोबल बढ़ाई।

तनि तनि बात प अनसा जाला केहू
रोआ जाला केहू आ हँसा जाला केहू

कबो इयाद बन के बसेला जिगर में
कबो नीर के बरसा बरसा जाला केहू

कह कह के आवे के असरा धरा के
कलमिया के निब से तरसा जाला केहू

ढण्ढाला अँगोरा ना चिंता के कबहूँ
पीरे पर पीर भारी उकसा जाला केहू
————
2.

समय जब ना चहलस सालता आदमी
हँसत नाहीं बोलत ना चालता आदमी

नेह के दरद देके रहत कोस दूर बा
कवन बात के कसर निकालता आदमी

अदहन में चाउर के बेगर ना मेरववले
धिकल पानी लेखा खउलावता आदमी

गलती रहित त सही मान हम लिहतीं
झूठ के भी गलती कबुलावता आदमी

झूठ के गगन में हम मेड़र कइसे मारीं
पाँख कतर लेबे के डेरवावता आदमी।
———-

3.

सबका नियन हमहूँ चाहींला जीवनवा

पँखिया कतरी दिही केहू, आस के फजीर होई का जी
किरिनिया कतरी लिही केहू, आस के फजीर होई का जी , किरिनिया….।

खुला असमनवा के चाहींला उड़नवा
सबका नियन हमहूँ चाहींला जीवनवा
फुलुंगिया ममोरी दिही केहू, चहके के उमीर होई का जी, किरिनिया….।

केहू केहू बा कि फूल भतिया से खेलेला
साध के अँगनवा में डेगडेग हेलेला
अगिया झंकोरी दिही केहू, बिहँसे के फजीर होई का जी, किरिनिया….।

छोटी मोटी जिनगी के छोटी मोटी चाह ह
छोट छोट सपना ह आ छोट उत्साह ह
कसी जब डोरी दिही केहू, हुलऽसे के नसीब होई का जी।

विद्या शंकर विद्यार्थी जी के लिखल अउरी रचना पढ़ें खातिर क्लिक करीं

रउवा खातिर:
भोजपुरी मुहावरा आउर कहाउत
देहाती गारी आ ओरहन
भोजपुरी शब्द के उल्टा अर्थ वाला शब्द
जानवर के नाम भोजपुरी में
भोजपुरी में चिरई चुरुंग के नाम

इहो पढ़ीं
भोजपुरी गीतों के प्रकार
भोजपुरी पर्यायवाची शब्द – भाग १
भोजपुरी पहेली | बुझउवल
भोजपुरी मुहावरा और अर्थ
अनेक शब्द खातिर एक शब्द : भाग १
लइकाई के खेल ओका – बोका
भोजपुरी व्याकरण : भाग १
सोहर

ध्यान दीं: भोजपुरी फिल्म न्यूज़ ( Bhojpuri Film News ), भोजपुरी कथा कहानी, कविता आ साहित्य पढ़े  जोगीरा के फेसबुक पेज के लाइक करीं।

NO COMMENTS

आपन राय जरूर दींCancel reply

Exit mobile version