परनाम ! स्वागत बा राउर जोगीरा डॉट कॉम प, आईं पढ़ल जाव भोजपुरी कविता हो बाबू ! ममता के तोहरे हिसाब मांगीला, भोजपुरी कविता के लेखक बानी योगेन्द्र शर्मा “योगी” जी। पढ़ीं आ आपन राय जरूर दीं कि रउवा योगेन्द्र शर्मा “योगी” जी लिखल भोजपुरी कविता कइसन लागल आ रउवा सब से निहोरा बा कि अगर रउवा सब के रचना अच्छा लागल त शेयर क के आगे बढ़ाईं।
लेइ लेहला बलिदान,
कइसे करबा कन्यादान ।
हम जबाब मांगीला – हो बाबू !
हो बाबू ! ममता के तोहरे हिसाब मांगीला ।………(1)
काहे कइला भेदभाव , देहला ठुकराई ,
कवन मजबूरी में बनला कसाई ।।
अपने हिसउआ के प्यार मांगीला ।
हो बाबू ! ममता के तोहरे हिसाब मांगीला ।…….(2)
देता जनमाई त रोटिया बनाईत ।
भाई के कलइया पे रखिया सजाइत ।
खिचड़ी क अपने उधार मांगीला ।
हो बाबू ! ममता के तोहरे हिसाब मांगीला ।…….(3)
भउजी के छोटकी ननदिया कहाइत ।
नोंक झोंक करित उनसे , करित हम लड़ाई ।
रिश्ता के अपने अधिकार मांगीला ।
हो बाबू ! ममता के तोहरे हिसाब मांगीला ।…….(4)
आवत जब बरात दुअरे , करता अगवानी ।
मार मोहे कोखिये में कइला तू नदानी ।
मड़वा के अपने दुलार मांगीला ।
हो-बाबू ! ममता के तोहरे हिसाब मांगीला ।…….(5)
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