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भोजपुरी भाषा के संवैधानिक दर्जा ला जन आंदोलन जरुरी बा: लाल बिहारी लाल

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Constitutional status for Bhojpuri language
Constitutional status for Bhojpuri language

दिल्ली। भोजपुरी भाषा के भारत के संविधान के आठवीं अनुसूची मे शामिल करावे के मांग के ले के दिल्ली के जंतर मंतर पर भोजपुरी जन जागरण अभियान के बैनर तले एक दिवासीय धरना के अयोजन कइल गइल। एह धरना मे देश भर से भोजपुरी भाषा-भाषी को लोग शामिल भइल। धरना के अगुआ भोजपुरी जन जागरण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष पटेल रहले। धरना मे बेतिया के सांसद डा० संजय जयसवाल भी शामिल भइले, इहां के कुछ दिन पहिले सदन मे भोजपुरी के संवैधानिक दर्जा देवे खातिर मांग कइले रही।इहा के कहनी की अब भोजपुरी खातिर माहौल बन रहल बा। हमनी के 20 गो सांसदो के ग्रुप लेके जल्दिये गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिलब जा। खुशी एह वात के बा कि आज देश के गृह मंत्री भी भोजपुरी भाषी राज्य से बानी।आ भोजपुरी संविधान में जल्दी शामिल होईं। लाल कला मंच के सचिव दिल्ली रत्न लाल बिहारी लाल ने अपना संबोधन में कहनी कि भोजपुरी के संवैधानिक दर्जा तबहिये मिली जब एगो जबरदस्त जन आंदोलन होई आ ओही लोग के नेता चुनाव जे भोजपुरी के हित में काम करे खातिर आगे आवे ।हमारा पूर्वांचल के संपादक रमाधार पांडे जी कहले कि अब नेता लोग ढ़ेर आस्वासन देलक अब कुछ करे के परी…अब आस्वासन से काम ना चली..अब काम चाहीं।

भोजपुरी भाषा को बोले वालन के संख्या सगरी दुनिया में 25 करोड़ से बेसी बा। ई भाषा खाली भारत के बिहार, उत्तरप्रदेश, झारखंड, छतिसगढ़ ,मध्यप्रदेश
आदि राज्यों में ना बल्कि भारत के बाहर करीब चौदह देश में बोलल जाला। एतना समृद्धशाली भाषा के देश के भीतर आपन हक नइखे मिलत दुख के बात बा। चुनाव में प्रधानमंत्री-नरेन्द्र मोदी के साथे-साथ बिहार के कईगों सांसद और केन्द्र में मंत्री रविशंकर प्रसाद, सुशील कुमार मोदी समेत कई नेता लोग ई वादा कइले रहे कि केन्द्र में भाजपा के सरकार बनी त भोजपुरी संविधान के आठवीं अनुसूची में जरुर शामिल होई। पर सरकार बनला अब दो साल से उपर हो गइल बा लेकिन उनका लोग के कान में जूं तक नइखे रेंगत। लागता चुनाव में वोट पावे के चाल रहे।

एह से पहिले “भोजपुरी जन जागरण अभियान” के बैनर तले तीन बेर 6 अगस्त 2015, 10 दिसम्बर 2015 को भी धरना प्रदर्शन हो चुकल बा। सरकार के
कईगों सांसद आ लोक सभा के अध्यक्ष मीरा कुमार भी वादा कइले रहस पर सब नेता लोग भूला गइल। तीसरा धरना प्रदर्शन 21 फ़रवरी 2016 के भइल रहे। भोजपुरी के लोक गायिका सरिता सिंह साज ने लोकगीत के माध्यम से सरकार से भोजपुरी के संवैधानिक दर्जा देने की मांग की। अपनी बात रखने वालों मे बिहार छपरा से आए प्रो० पी राज सिंह, विश्वनाथ शर्मा जी, सिवान से प्रो० उमाशंकर साहु, भोजपुरी जन जगरण अभियान के महामंत्री अभिषेक भोजपुरिया, झारखंड से संयोजक राजेश भोजपुरिया, के के सिंह, मुम्बई से लोकनाथ तिवारी, यूपी से जनार्दन सिंह जी, ध्रुव नारायण सिंह, विश्वनाथ मौर्या, राजकुमार वर्मा, राम उजागर चौधरी, राजीव सिंह विजय बहादूर, एम पी सिंह चम्पारण से डा० ज्ञानेश्वर गुंजन मोहित अकेला, पटना से सुशील कुमार रंजन, दिल्ली से जे पी द्विवेदी, केशव मोहन पांडेय, डा० मनोज कुमार, मनोज कुमार सिंह, प्रमेन्द्र सिंह, देवेन्द्र कुमार, नवल किशोर सिंह निशांत, वरिष्ठ रंगकर्मी महेन्द्र सिंह, संजय ऋतुराज, रामाधार सिंह, डा० राकेश सिंह, रमेश खरवार, शैलेन्द्र सिंह,संजय गिरि आदि शामिल रहले।

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