भोजपुरी के बढ़िया वीडियो देखे खातिर आ हमनी के चैनल सब्सक्राइब करे खातिर क्लिक करीं।
Home भोजपुरी साहित्य भोजपुरी ग़ज़ल डॉ. हरेश्वर राय जी के लिखल कुछ भोजपुरी गजल

डॉ. हरेश्वर राय जी के लिखल कुछ भोजपुरी गजल

0
डॉ. हरेश्वर राय जी

परनाम ! स्वागत बा राउर जोगीरा डॉट कॉम प, रउवा सब के सोझा बा डॉ. हरेश्वर राय जी के लिखल भोजपुरी गजल, पढ़ीं आ आपन राय जरूर दीं कि रउवा डॉ. हरेश्वर राय जी के लिखल भोजपुरी गजल कइसन लागल आ रउवा सब से निहोरा बा कि शेयर जरूर करी।

नयकी गुलामी

हमार जिंदगानी, हमार जिंदगानी I
भइल पानी पानी, हमार जिंदगानी II

ललकी अँखियन से काँपेला जियरा I
केहुओ खड़ा बा उदर प लात तानी II

नोकरी के रसरी से जिनिगी छ्नाइल I
सुबह शाम हरदम दूहल जात बानी II

हमरी कलमिया के मरले बा लकवा I
कोमा में परल बिया मुँहवा के बानी II

आमवा के महुआ कहल बा मज़बूरी I
इ ह नयकी गुलामी, पुरनकी कहानी II

डॉ. हरेश्वर राय जी
डॉ. हरेश्वर राय जी

अँजुरी में सुरुज

थीर पानी में ढेला उछाले चलीं
कोना-सानी से जाला निकाले चलीं I

लिके – लीक कबहूँ सपूत ना चलस
राह सुन्दर बनाईं ँचा ले चलीं I

जदी अंगुरी अंगार से बचावे के बा
हाथ में मोट सिउँठा उठा ले चलीं I

अगर फूलहिं से पहिले चपाती फटे
मोट आटा के चलनी से चाले चलीं I

रात के मात देवे के बड़ुए अगर
अपना अँजुरी में सुरुज उठा ले चलीं I

जिंदगी रेत जइसन पियासल बिया

सियासी छेनी से कालिमा तराशल बिया I
चांदनी हमरा घर से निकासल बिया II

भोर के आँख आदित डूबल बा धुंध में I
साँझ बेवा के मांग जस उदासल बिया II

सुरसरी के बेदना बढ़ल बा सौ गुना I
नीर क्षीर खाति माछरि भुखासल बिया II

कोंपलन पर जमल बा परत धुरि के I
बूंद-बूंद खाति परती खखासल बिया II

खाली थोथा बचल बा उड़ल सार सब I
जिंदगी रेत जइसन पियासल बिया II

गुमसुम दुपहरी

गहरान हमरा क्षोभ के अथाह हो गइल I
सगी हमरी सरौती कटाह हो गइल II

गाँव से उजड़नी शहर में भूलइनी I
हमरा दरद के कठौती कड़ाह हो गइल II

हमार रिश्ता टूटल फूल से गंध से I
हमार सरगम बपौती तबाह हो गइल II

तनवा बा बंधुआ आ मनवा भी बंधुआ I
हमार असमय बुढ़ौती गोटाह हो गइल II

गुमसुम दुपहरी आ गुमसुम गोरइया I
हमरा डर के सिलौटी निठाह हो गइल II

डॉ. हरेश्वर राय जी के अउरी रचना पढ़े खातिर क्लिक करीं

NO COMMENTS

आपन राय जरूर दींCancel reply

Exit mobile version