विद्या शंकर विद्यार्थी जी

विद्या शंकर विद्यार्थी जी के लिखल चार गो भोजपुरी गजल

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आई पढ़ल जाव विद्या शंकर विद्यार्थी जी के लिखल चार गो भोजपुरी गजल, पढ़ीं आ आपन राय बताइ कि रउवा इ भोजपुरी गजल...
विद्या शंकर विद्यार्थी जी

विद्या शंकर विद्यार्थी जी के लिखल भोजपुरी गजल

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परनाम ! स्वागत बा राउर जोगीरा डॉट कॉम प, आयीं पढ़ल जाव विद्या शंकर विद्यार्थी जी के लिखल भोजपुरी गजल, रउवा सब से निहोरा...
विद्या शंकर विद्यार्थी जी

विद्या शंकर विद्यार्थी जी के लिखल भोजपुरी गजल

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परनाम ! स्वागत बा राउर जोगीरा डॉट कॉम प, रउवा सब के सोझा बा विद्या शंकर विद्यार्थी जी के लिखल भोजपुरी गजल ,...
डॉ. हरेश्वर राय जी

डॉ. हरेश्वर राय जी के लिखल कुछ भोजपुरी गजल

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परनाम ! स्वागत बा राउर जोगीरा डॉट कॉम प, रउवा सब के सोझा बा डॉ. हरेश्वर राय जी के लिखल भोजपुरी गजल, पढ़ीं आ...
विद्या शंकर विद्यार्थी जी

विद्या शंकर विद्यार्थी जी के लिखल दू गो भोजपुरी गजल

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आई पढ़ल जाव विद्या शंकर विद्यार्थी जी के लिखल दू गो भोजपुरी गजल, पढ़ीं आ आपन राय बताइ कि रउवा इ भोजपुरी गजल कइसन...
रत्नेश चंचल जी

रत्नेश चंचल जी के लिखल भोजपुरी गजल

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शहर में रह के सकुताइल रहीला गांवें जाए बदे अकुताइल रहीला । रोजी रोटी के फेरा जवन ना करावे एही से त हम चुप लगाइल रहीला...
सतीश प्रसाद सिन्हा

सतीश प्रसाद सिन्हा जी के लिखल एगो भोजपुरी गजल

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ना जिये दी, ना मरे दी, याद हमरा के दम कबो नाहीं धरे दी, याद हमरा के दिल घवाहिल हो गइल बा चोट खा-खा के...
सुनील कुमार तंग जी के लिखल भोजपुरी ग़ज़ल

सुनील कुमार तंग जी के लिखल भोजपुरी ग़ज़ल

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केकर - केकर नांव गिनाईं, केकर नांव धरीं अस मन करे कि कतहूॅ जाके कुआं में कूद परीं ।। आपन लाश उठवले बानी अपने कान्हा हम जीयत...
jindgi pahad ho gail

डॉ गोरख मस्ताना के एगो ग़ज़ल – उजियार

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रात अन्हरिया, दिया जराईं, डगर डगर उजियार करीं बहुत सरहनीं महल के रउआ, अब मडई से प्यार करीं सागर के पानी ह खारा, एह में...
संजय सिंह

भोजपुरी गजल

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उ काठ के करेजा बरबस छलक पड़ल, टूटल रहे सिन्होरा ,मिटल रहे भरम । पपनी के लोर में रहे ,उलझल जे मन के नाव, पतवार के उमंग...

ई शहर

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का भईल जे सुने के खरी-खोटी देला सहरवे हs जे पेट के रोजी-रोटी देला जाके मिल में, तू लाख बुनs कपड़ा ढके खातिर देह, खाली...
ज़ौहर शाफ़ियाबादी

होला कबो बहार त पतझड़ जमीन पर

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होला कबो बहार त पतझड़ जमीन पर लीला ई रोज देखेला अँखिगर जमीन पर अँखिया में अँखिया डार के कहलें ऊ अनकहल नेहिया के फूल खिल गइल...
कामेश्वर भारती

धरम

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आगे खाई पिछे खाई संकट में बा जियरा मितवा। संकट में बा जियरा मितवा। साधु संत चोर हो गइले, धरम भइले बहिरा मितवा। संकट में बा जियरा मितवा। योगि जोगि...
भोजपुरी ग़ज़ल: जमाना के आंधी

भोजपुरी ग़ज़ल: जमाना के आंधी

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भोजपुरी के श्लाकापुरुष पाण्डेय कपिल जी के एगो ग़ज़ल 1977 ई में आईल रहे - जमाना के आंधी केतना प्रासंगिक बा रउरो देखीं ---- जेने देखि...
भगवती प्रसाद द्धिवेदी जी के एगो भोजपुरी ग़ज़ल

भगवती प्रसाद द्धिवेदी जी के एगो भोजपुरी ग़ज़ल

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हिय में उठत जुआर, प्यार के ग़ज़ल कहीं मउसम बा बटमार, प्यार के ग़ज़ल कहीं पियत दूध बछरू के जब गैया चाटे तिरपित होत निहार, प्यार के...
हम रोज निहारीला रहिया

हम रोज निहारीला रहिया

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हम रोज निहारीला रहिया हम रोज बहारीला अँगना, जब-जब भी बयरिया सँसरेले अचके में खनखि जाला कँगना। तस्वीर बना के हृदया में दुनिया से छिपा रखले...
केतना कदम के डार हम रहनी अगोर के

केतना कदम के डार हम रहनी अगोर के

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केतना कदम के डार हम रहनी अगोर के तबहूँ तोहार बाँसुरी बाजल न भोर के कब तक घिरल अन्हार में कलपत रही करेज कब तक सनेह के...