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गंगा मईया के आरती | संजीव कुमार सिंह

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संजीव कुमार जी

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गंगा जी के अरतियां ऐ मईया
यमुना जी के अरतियां
घिउआ जरेला रे माई
सारसारी हो, रतिया।
गंगा जी के अरतियां…..

पनियां त हवे अमरितवा रे मईया
हरे ला हो पियसिया
बहेला अमरितवा रे माई
सारसारी हो, जगतियां।
गंगा जी के अरतियां…….

तहरे आशीष त हवे ऐ मईया
किसनवा के हरेला दुखिया
खेतवा में जब पड़ेला रे माई
सारसारी हो,अमरितवा।
गंगा जी के अरतियां…..

पनियां परत लहरे रे ऐ मईया
खेतवा में जब डरिया
भरी भरी जाला भंडरवा रे माई
पूरा होला किसान के हो, उम्मिदिया।
गंगा जी के अरतियां…….

तहरे बिना सब सुखल ऐ मईया
दिह आपन अशीषवा
बहिह हर जगह रे माई
हरिह जगत के हो, दुखिया।
गंगा जी के अरतियां……

गंगा मईया के आरती | संजीव कुमार सिंह
गंगा मईया के आरती | संजीव कुमार सिंह

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