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जय भोजपुरी जय भोजपुरिया के ओर से भिखारी ठाकुर के पुण्य तिथि पर कवि सम्मेलन के आयोजन भइल

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जय भोजपुरी जय भोजपुरिया के ओर से भिखारी ठाकुर के पुण्य तिथि पर कवि सम्मेलन
जय भोजपुरी जय भोजपुरिया के ओर से भिखारी ठाकुर के पुण्य तिथि पर कवि सम्मेलन

जय भोजपुरी जय भोजपुरिया परिवार के द्वारा भोजपुरी के शेक्सपियर भिखारी ठाकुर जी के पुण्यतिथि पर 15 जुलाई, 2018 के गाँधी शान्ति प्रतिष्ठान के सभागार में एगो राष्ट्रीय भोजपुरी कवि सम्मेलनके आयोजन भईल ।

मंच संचालन लव कांत सिंह लब बहुत बढिया से कइले। दीप प्रज्वलन सेकार्यक्रम के शुरूआत भईल आ संस्था के अध्यक्ष श्री सतीश कुमार त्रिपाठी जी जयभोजपुरी जय भोजपुरिया के अब तक के सफर के कहानी कइसे शुरू भइल एगो भोचपुरी प्रेमी नवजवान गणेश नाथ तिवारी “श्रीकरपुरी” के द्वारा गठित वाट्सएप समुह कम समय मे ही संस्था के रूपमें बदल गईल, श्रोता लोग के सामने रखले ।

केशव मोहन पाण्डेयके कविता “आजुवो भरमावे वाला, भरमावता गौरैया के” से कवि सम्मेलन के आगाज़ भईल, जे पी दिवेदी के गीत “पियउ कवने अफतीयाअझुराइल बाड़” दर्शक लोग के थपरी पिटे के मजबुर कईलस । डॉ पुष्पा सिंह बिसेनजी के कविता ” मुठी भर आतंकी के बल पर, उत्पाती मचवले बाड़” श्रोता लोग में जोश भरे में कामयाब भईल ।

नवका पौध विबेक पाण्डेय के कविता “लागल प्रेम के बेमारी, मिलल आधुनिक नारी” श्रोता लोग के चेहरा प हंसी बिखेरे में कामयाब भईल ।जलज कुमार अनुपम के कविता “हउवे पहचान हमनीके जान” सुन के गर्व से सीनाचौड़ा भ गईल ।

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पँडित राजीव के कविता “हम हई भोजपुरी पाठा” डॉ प्रमोद पूरीके “हम गरीब हमार चिन्ता, दू जून जे निवाला बा”, दिलीप पैनाली जी के कविता” काहें केहू के केहु बढ़ाई” श्रोता लोग केमंत्रमुग्ध करे में कामयाब भईल ।

तारकेश्वर राय जी के कविता “बड़ी याद आवेलेमोरे गउवां के गलियां” श्रोता के मानस में गांव क याद ताजा क देहलस । लवकान्त सिंह के कविता “पहिले जइसन अब आपन गाँव ना रहल” श्रोता के थपरीबटोरलस । गणेश नाथ तिवारी श्रीकरपुरी के “बेटी बचाई, बेटी पढ़ाई” आधी आबादी के बचावे के समयसामयिक कविता सभकर मन मोह लिहलस ।

सजंय कुमार ओझा जी के हास्य कविता सभागार मेंउपस्थित लोग के ठेठा के हंसे प मजबुर कइलस । रामप्रकाश तिवारी के कविता “एगोहँसी ख़ातिर वक़्त नइखे” बर्तमान समाज प कटाक्ष भी श्रोता के निमन लागल ।

बिनोद गिरी के सावन गीत श्रोता के लोकगीत के प्रति लगाव के बढ़वलस आ खूब थपरी बटोरलस ।एकरा अलावा येह कवि सम्मेलन में नवजागरण प्रकाशन के राज कुमार अनुरागी, बिख्यात रंगकर्मी महेन्द्र प्रसाद सिंह, मुन्ना पाठक के कविता जागल जनता धांसी बास वर्तमान हालात पर तंज रहे। पत्रकार, साहित्यकार, लाल बिहारी लाल, के कविता माई के ममता आज के माई के दासा और दिशा परब्यंग्य रहे।

गाजियाबाद से आइल सुनील सिन्हा, कहनी की माटी के देहिया माटी में मिल जाई। सन्तोष कुमार “सरस”, अनूप श्रीवास्तव, बी एम उपाध्याय आदि महानुभाव लोग अपना कविता से माईभाषा के सम्मान में चारचाँद लगवलन । बड़ा ख़ुशी आ गौरव के बात बा की खाली सोसल मीडिया के जोर प सुदूर गाँव, महानगर, आ देश के कई कोना से भी लोग आइल रहे।काफी संख्या में श्रोता लोग भी कार्यक्रममें उपस्थित भईले रहे।

गांधी प्रतिष्ठान के सभागार दर्शक से भरल रहे, भीषण उमस आ गरमी के बावजूद भोजपुरी के प्रतिनेह क्षोह देखके लागता की भोजपुरी के प्रति जनमानस के मन मे पियार त बड़ले बा जरूरतबा येके सही दिशा देवे के । डॉ मुन्ना पाण्डेय ,डा. राजेश माँझी, जोगीरा डॉट कॉम के चंदन कुमार सिंह सहित एह कवि सम्मेलन में हर उमिर के लोग के साथ-साथे काफी संख्या में महिला जन के उपस्थिति उत्साहजनक रहे । नवका पीढ़ी भी उपस्थित आ जमल रहे पूरे कार्यक्रम के दौरान ।अंत में संस्था केअध्यक्ष सतिश त्रिपाठी ईहां आइल सब लोगन के हार्दिक धन्यवाद दिहले।

लाल बिहारी लाल

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