परनाम ! स्वागत बा राउर जोगीरा डॉट कॉम प, आई पढ़ल जाव विमल कुमार जी के लिखल कुछ भोजपुरी गजल , रउवा सब से निहोरा बा कि पढ़ला के बाद आपन राय जरूर दीं, अगर रउवा विमल कुमार जी के लिखल भोजपुरी गजल अच्छा लागल त शेयर जरूर करी।
जिनिगी आन्ही के आम ह कब टपकि जाई।
क$ लीं प्यार राहता ना त$ भटकि जाई।
लेके सुघरई चाटी केहु केतना दिन तक,
ना रही प्यार त आपुसे में खटकि जाई।
काँच माटी के घरिला इ देहिया हवुए,
डूबे कलह में मत दीं ना त$ थसकि जाई।
नेक नियती के खूँट से मन के बान्ह दिहीं,
खोलबि छुटा त फउकी अउरी बहकि जाई।
आस के अँचरा धइले थाम थाम के चलीं,
टकरा टकरा के मउवतो तब घसकि जाई।
ओढ़ीं बिछाईं खाईं अउर प्यारे पहिरीं,
रुकल जिनिगियो ई देखबि तब सरकि जाई।
नेह छोह प्यार सभका से मिली खुबीना,
बाउर रूपवो लागी निमन गमकि जाई।
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चलीं जी आजु में एक बे फेर से जिअल जाव।
मिलल बा जवने जिनिगी मज़ा खुब लिहल जाव।
मिली का दोसरा से आपन दुख दरद बता के,
दरद के जाम बना के आईं घट घट पिअल जाव।
बेयार ओरिये बहि के लय में लय मिला लीं जा,
उल्टा चलि के सभका से मत दुशमनी लिहल जाव।
दोसरा के फाटला फुटला से हमनीं के का मतबल
जुगाड़ क के आपन फाटल कसहुँ सिअल जाव।
मुड़ी ममोरि के चाहे शरम के खोरि के धरीं,
दान पुन क के हँसी खुशी लोग से फेरु मिलल जाव।
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सुखल घवुआ प अंगुरी फिरा दिहलू तूँ।
टभ टभ करे लागल फेरु जगा दिहलू तूँ।
साथ निभइबू की तुहूँ छोड़ि जइबू बोल$,
अँखिया में जोत आस के जरा दिहलू तूँ।
तन के कोठी में कोंपड़ फूटे लागल,
प्रेम पनिया से गलबल पटा दिहलू तूँ।
किरिया खा की तू रहबू भिरिये हरदम,
अखड़ेर जाई जिया जे दगा दिहलू तूँ।
मन के अँतरा में चिरईं फुदुके लागल,
चिझुआ रसगर उमीद के चटा दिहलू तूँ।
पाँखि सपना के साटि दिल दउरे लागल,
मोटरी बड़हन प्रेम के धरा दिहलू तूँ।
मौवत डलले रहे डेरा एह देह में,
साँस बनि के समइलू जिया दिहलू तूँ।
दिल धड़के लागल अँखिया फड़के लागल,
प्यार दुनिया में जिअता दिखा दिहलू तूँ।
आँख से लोर खुशी के ढरके ढर ढर,
धड़कन हो दिल धक धक धड़का दिहलू तूँ।
विमल कुमार
जमुआँव
रउवा खातिर:
भोजपुरी मुहावरा आउर कहाउत
देहाती गारी आ ओरहन
भोजपुरी शब्द के उल्टा अर्थ वाला शब्द
जानवर के नाम भोजपुरी में
भोजपुरी में चिरई चुरुंग के नाम
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