परनाम ! स्वागत बा राउर जोगीरा डॉट कॉम प, आई पढ़ल जाव विद्या शंकर विद्यार्थी जी के लिखल देबी गीत माई अँचरा के छाँह भुलाइब ना, रउवा सब से निहोरा बा कि पढ़ला के बाद आपन राय जरूर दीं, अगर रउवा विद्या शंकर विद्यार्थी जी के लिखल देबी गीत
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माई अँचरा के छाँह भुलाइब ना
माई तोहरा के हम बिसराइब ना ।
माई….।
माई तोहरा से हमार सनसार बाटे
माई तोहरा से हमार उजियार बाटे
माई चहबु त तम से धराइब ना ।
माई…..।
माई लाल होई कौन सिर ना ऊँच करी
दुश्मन आई त सनमुख ऊ ना कुँच धरी
डर का चीज ह भय खाइब ना।
माई…..।
लोग नाम तोहार छिन्नमस्तिका लेला
आके दुआर तोहरा मस्तक टेक देला
रउरा रोअत के रोआइब ना।
माई…..।
माई दीया के अँजोर से अँजोर होला
हवा तेज होला बाकि कमजोर होला
माई सेवा करत अनसाइब ना।
माई…..।
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