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अभियंता सौरभ भोजपुरिया जी के लिखल हास्य् लेख खैनी

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अभियंता सौरभ भोजपुरिया जी
अभियंता सौरभ भोजपुरिया जी

ए जी का खैनी की ना मुह भरल ना पेट

जी हा खैनी जवना के सुरती भी कहल जाला बड़ी कमाल के गुण होला एकरा में बहुत गुण जवना के गिनावत आदमी थक जाई शॉर्ट में जानी की एकरा गुन के चलते एकरा के बी बी सी भी कहल जाला मनेकी बूद्धि बर्धक चरुण । बहुत लोग के खातिर इ औषधी के काम करेला सुबेरे सुबेरे जदी उ लोग ना खॉव ता पेट साफे ना होइ भा झाड़ा उतरबे ना करी ।

बहुत लोग के इ पजाक के भी काम करेला खाना खइला के बाद ता उनका चहबे करी अगर उ जवना टाइम पर उनका लगे नइखे ता उनकर मागही के काम चलावे के पड़ी। आ एगो बात खास बा एकरा के एक दूसरा के मांगे में सरमाये के ना पड़े बड़का छोटका उच्च नीच केहू ना देखे छट से केहू बोल देला बाबा तानी हमरो लायेक केहू बाबा तानी चुनवटी दी ना , बाबा के मन ठीक बा ता दे दिहे ना ता किन के काहे नैईख राखत ई माने उ उनकर प्यार हा आ एतना कहला के बाद चुनवटी दे दिहे आ कहिये बनावा बाकिर चुना कम डालि ह ।

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नवका समाज जे लुका छुपा के खाला ओ लोग के स्टाइल देखि मांगे के ….
कहो जोगाड़ बा, माल बा, भाई आईटम बा का तानि भाई पचक्वा दी ना देखि ना पेट साफ नइखे भईल ।

एकरा के बनावे के आ खाये के भी अलग अलग स्टाइल बा भाई जी । जी हा अलग अलग तरीका बा सबकर जे बड़ बुजुर्ग बा उ तानी देर ले खूब मलिहे पिटिहे फटकिहे अलग अलग लोग के तरीका बा फटके के । बनला के बाद जे सबसे बड़ बा ओकरा आगे हाथ के करीहे वाईसे ही क्रम से बाद में अपने खाइहे । जिन लुका के बनावेले उ तानी कवनो देवाल के कोना में धिरे धीरे मलिहे आ तेज़ी से निपटाइहे ना मलत में देरी ना खात में ।

आई खइला पर एक नजर …
‌जे पुरान बा उ ता हाथ के तरहथी पर रख के फाँक लेला आ अनदरे ओकरा के गोटिया लेला । केहू होठ के ऊपर ता केहू नीचे एकरा के दबा लेला आ नावकन में केहू केहू ता चिटकि में दबा के एक दम छोटहन कर के होठ के बीचे दबईहे ताकी होठवा उठल मत मालूम पडे ।

‌ई खैनी से कवनो क्षेत्र बाकी नइखे नेता अभिनेता मजदूर हर तबका के लोग एकरा के सेवन करेला अगर एकरा के इंटर्नेसनल नासा नाम में सामिल हो जाओ ता कवनो दू राय ना । सबसे जादा लोग बाडे एकर दीवाना खायेवाला ।

‌एकरा वर्णन में अउर चार चाँद लाग जाला जब बॉलीवुड के उ गाना बाजेला

‌अस्सी चुटकी नब्बे ताल रगड़ के खैनी मुह में डाल तो फीर खैनी का देख कमाल ।

‌खास ध्यान ता एकरा के थूके के बेरा काका बाबू बाबा ता कोना में फेक दिहे रात के बाकिर सुबह साफ करत में जदी माई आजी के लाउक गइल ता ओहीबेरा एक टक्कर हो जाई खैनी के पीछे । एही से हम पहिलही कहनी हा की बहुत गुन बा एकरा में गिनब बा ता एक बेर बड़हन पर नजर डाली

‌मांगे के तरीका सीखावे, लाज सरम के दूर भगावे,उच्च नीच के भेद मिटावे , लुका छुपी के तरीका सीखावे , आपस में मेल बढावे पडोसी के सुबह सुबह नाम रटवावे , खोजल जाला कईसे हेराइल बाबा के ओढना बीछवना में सिखावे ।

‌ता बोली बा नु इ गुण कारी की ना ता स्वाद ली

शेष अगिला भाग में

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