जोगीरा डॉट कॉम के प्रयास बा की आपन भोजपुरी भाषा आगे बढ़े आ भोजपुरी के ऑनलाइन के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगन तक पहुचावल जाव, एह कड़ी के आगे बढ़ावत जोगीरा लेके आइल बा भोजपुरी मुहावरा, जहा प रउवा भोजपुरी मुहावरा के बारे में पढ़ेब और ओकरा बारे में जानेब ओकर अर्थ के साथ।
मुहावरा अइसन शब्द समूह होला जेकर अर्थ वाक्य में प्रयोग कइले पर स्प्ष्ट होला। मुहावरा मुँह + आव + रह तीन गो शब्दन के मेल ह जवना के अर्थ होला मुह + चमक + राह अर्थात् मुँह से निकलल चमकदार शब्द। अइसे एकर उत्पत्ति अरबी के ‘मोहावरा’ शब्द से भइल बा।
इहवाँ कुछ भोजपुरी मुहावरा के अर्थ का संगे-संगे प्रयोग बतावल गइल बा। एह से आसानी से समझल जा सके।
- अँचरा पसारल (दया के भीख माँगल) – माई अपना बेटा के जिनगी खातिर सगरो आँचर पसरली।
- अंगार बरसल (बहुत गरमी परल) – आज दुपहर में अंगार बरसत रहे।
- अंगूठा देखावल (धोखा दिहल) – आपन काम निकल गइला पर मोहन अंगूठा दिखा दिलहस।
- आँख खुलल (ज्ञान भइल) – ठोकर लगला पर आँख खुलेला।
- आग बबूला भइल (खूब क्रोधित भइल) – भाई के हत्यारा के देखते रामू आग बबूला हो गइले।
- आँख लागल (नींद आइल) – पढ़ते-पढ़ते आँख लाग गइल।
- आंटा दाल के भाव मालूम भइल (कठिनाई के पता चलल) – जब विजय के नौकरी छूटल त आंटा दाल के भाव मालूम भइल।
- आपन गोड़ पर कुल्हाड़ी मारल (अपने से खतरा मोल लिहल) – दुश्मन के घर में राखल अपना गोड़ में कुल्हाड़ी मारल ह।
- आग में घीव डालल (क्रोध भड़कावल) – भाई-भाई का झगड़ा में पड़ोसिया बीच में बोल के आग में घीव डाल दिहलस।
- उल्टा साँस चलल (मरे-मरे भइल) – हम पहुँचनी त दादा जी के उल्टा साँस चलत रहे।
- आज काल्ह कइल – टाल-मटोल कइल – बैंक में गइला पर कर्जा देवे में रोज आज काल्ह करेला।
- आपन गोड़ पर खड़ा भइल (आत्म निर्भर भइल) – आपन गोड़ पर खड़ा भइले पर बियाह करे के चाहीं।
- आँत कुलकुलाइल (खूब भूख लागल) – दू दिन से अन्न दाना ना मिलला पर आंत कुलकुलाए लागला
- आँख में धूर झोंकल (धोखा दिहल) – गोलू झूठे किताब खोल के आँख में धूर झोंकत रहे।
- औंधे मुँह गिरल (धोखा खाइल) – जुआ में हारला पर गणेश औंधे मुँह गिरलें।
- कचरम कूट कइल (भोज में खूब खाइल, मजा उठावल) – सनी के बिआह में खूब कचरम कूट भइल।
- कलई खुलल (भेद खुलल) – सेंध पर धरइला पर उनकर कलई खुल गइल।
- कान ना दिहल (ध्यान न दिहल) – हमरा बात पर बाबू जी कवो कान ना देवे लें।
- कान भरल (शिकायत कइल) – चुंगला के कामे होला सभकर कान भरल।
- काँट बोअल (अड़चन डालल) – केहु के राह में कांटा ना बोए के चाहीं।
- चानी काटल (मौज उड़ावल) – पाँच बरिस नेता लोग खूब चानी काटेला।
- झोरा ढोअल (खुशामद कइल) – मोहन नेतवन के झोरा ढो के नेता भऽ गइल।
- टाँग अड़ावल (बेमतलब दखल दिहल) – कुछ लोग के आदते होला सब काम में टाँग अड़ावल।
- तूती बोलल (खूब चलती भइल) – आजकल सचिन तेन्दुलकर के तूती बोलता।
- धूर चटावल (बुरी तरे हरावल) – कारगिल में भारत पाकिस्तान के धूर चटा दिहलस।
- तरवा चाटल (खुशामद कइल) – केहू के तरवा चाटल हमरा से देखल ना जाये।
- पीठ देखावल (डेरा के भागल) – पीठ देखा के भागल कायरता बा।
- पेट में पानी ना पचल (कहला बिना ना रहल) – बहुत लोग कवनो बात सुने ला त ओकरा पेट में पानीए ना पचे।
- मुँह में करिखा लागल (बदनाम भइल) – चोरी में पकड़इला पर मुन्ना के मुँह में करिखा लाग गइल।
- माटी के मोल (खूब सस्ता) – आलू आजकल माटी के मोल बिकता।
- मन हरिआइल (खूब खुश भइल) – लहलहात फसल देख के मन हरिअरा गइल।
- मुँह से लार टपकल (लालच भइल) – मिठाई देख के लड़िकन के मुँह से लार टपके लागल।
- लाल पीयर भइल (गुस्सा कइल) – बेटा के बीड़ी पियत देख के बाप लाल पियर भ गइलें।
- लीप पोत के बराबर कइल (चउपट कइल) – अपना बुड़बकई से ऊ सब लीप पोत के बराबर क दिहलें।
- तिल के ताड़ कइल (छोट बात के बड़ा बना दिहल) – काकी कवनो बात के तिल के ताड़ क देवे ली।
- नाको दम भइल (खूब तंग भइल) – लड़िकन के बदमाशी से नाक में दम आ गइल है।
- कान खड़ा भइल (चौकन्ना भइल) – घोड़ा के टाप सुनते चोर के कान खड़ा भ गइल।
- गुड़ गोबर भइल (सब चौपट भइल) – भेद खुल गइला से सब गुड़ गोबर भ गइल।
- कलेजा फाटल (बहुत दुख भइल) – जवान रंजीत के मुअला देख के हमार कलेजा फाट गइल।
- मुँह से फूल झरल (मीठ बोलल) – भउजी बोलेली त लागेला मुँह से फूल झरता।
- गरल मुरदा उखारल (पुरान बात पर चर्चा कइल) – गरल मुरदा उखार के झंझट ठीक नइखे।
- गोइठा में घीव सुखावल (बेकार खर्च कइल) – सरल गाड़ी के बनवावल गोइठा में धीव सुखावल बा।
- नाक भौं सिकोरल (नापसन्द कइल) – बसिया पूड़ी देख के पंडित जी नाक भौं सिकोरे लगलें।
- आँख चरबिआइल (घमंड भइल) – धन होते रामपुकार के आँख चरबिया गइल।
- ओखरी में मूड़ी दिहल (खतरा मोल लेल) – नक्सलवादी क्षेत्र में गइल ओखरी में मूड़ी दिहल बा।
- कुकुर के मउअत मरल (बुरी तरह मरल) – इहे चाल रही त तू कुकुर के मउअत मरब।
- आसमान चढ़ल (मन बढ़ल, घमंड कइल) – आजकल लड़िका लोग के मन आसमान चढ़ल रहे ला।
- करेजा पर साँप लोटल (डाह भइल) – राजदेव के महल देख के सुशील के करेजा पर साँप लोट गइल।
- जान में जान आइल (विपत्ति से छुटकारा मिलल) – पानी में डूबत नॉव जब किनारा लागत त जान में जान आइल।
- आँख डबडबाइल (रोआई आइल, दुःख भइल) – रंजीत के हालत देखके आँख डबडबा गइल।
- हवाई उड़ल (होश गुम भइल) – पुलिस के देखते चोर के हवाई उड़े लागल।
भोजपुरी मुहावरा
पहिला भाग
दुसरका भाग
तिसरका भाग
चउथा भाग
पांचवा भाग
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