लोकोक्ति सामान्य व्यवहार में संक्षिप्त आ गंभीर उक्ति ह। संक्षिप्त आ लोकप्रिय उक्ति के जे कल्पित सत्य आ नैतिक शिक्षा देवे ला लोकोक्ति कहल जाला लोकोक्ति में शब्दावली आ वाक्य विन्यास अधिकांशत: बोलचाल के वास्तविक आ व्यवहारिक भाषा पर आधारित होला। एकर भाषा लयात्मक होला। एह में सामान्य अर्थ का अलावे व्यंग्या होला।
भोजपुरी भाषी लोग शुरूए से घुमक्कड़ प्रकृति के रहल बा एह से जहवाँ-जहवाँ गइल उहवाँ कुछ लेलक आ कुछ देलक। ऊ लोग आपन सोंचल विचारल उक्ति के लोकोक्ति के रूप में सगरो बिखेर दिहलस। एह में भोजपुरी के कुछ चुनल लोकोक्ति के अर्थ सहित समेट के राखल गइल बा।
भोजपुरी लोकोक्ति :
- चिरईं के जान जाय लड़िका के खेलौना – केहू के दुख देख के केहू के मजा आवे
- अनका धन पर विक्रम राजा – दोसरा का धन पर धमंड कइल
- जवना थरिया में खाय ओहि में छेद करे – जे भलाई करे ओकरे हानि पहुँचावल
- एक त करइला अपने तीत दूजे चढ़ल नीम पर – कवनो खराब के आउरी खराब के संगत
- गोदी में लडिका भर गाँव ढिढोरा – कवनो चीज नीयरे रहे आ जेने-तेने खोजत फिरे
- थान हारब त हारब बाकिर गज ना फारब – थोरका लाभ ला अधिका गमावल, जिद्द के कारण अधिका घाटा
- अन्हरा का आगा रोअल आपन दीदा खोअल – मूर्ख के कुछ कहल आपन इज्जत गॅवावल
- बानर का हाथे नारियर – अयोग्य हाथ में नीमनो चीज के मोल ना होता
- जेतना के बबुआ ना ओतना के झुनझुना – कवनो चीज ला अधिका लागत लगावल भा मेहनत कइल
- छुछुदर के मुड़ी में चमेली के तेल – कुपातर के मूड़ी पर ताज
- सब धान साढ़े बाइसे पसेरी – सब चीज के मोल बराबर लगावल
- जहवाँ बड़-बड़ ढोल तहवाँ टिमकी के का मोल – बड़-बड़ का आगा छोट के पूछ ना होला
- चोर सहे अँजोर ? – अपराधी भीतरा से कमजोर होला
- जहाँ गाछ ना बिरिछ उहाँ रेंड पुरधान – अभाव में छोट चीज भी प्रधान हो जाला
- भल मरल भल पिलुआ परल – कवनो काम तुरते ना होला
- अपना घरे बिलइओ बाघ – अपना दुआर पर कमजोरो बलवान हो जाला
- हड़बड़ी के बिआह कनपट्टी में सेनूर – जल्दीबाजी के काम सही ना होखे
- चलनी दूसनल सूप के जेकरा अपने बहत्तर गो छेद – जेकरा में ढेर अवगुण होखे ऊ दोसर के अवगुण खोजे
- आगा नाथ ना पाछा पगहा – जेकरा कवनो अवलम्व ना होखे
- गाछे कटहर ओठे तेल – समय का पहिले उमेद
- पानी में मछरी नौ-नौ कुटिया बखरा – मिलला के पहिलहीं बखरा लगावल
- हँसुआ के बियाह में खुरपी के गीत – अनर्गल बात बोलल
भोजपुरी लोकोक्ति पहिला भाग
भोजपुरी लोकोक्ति दुसरका भाग
—-अगिला भाग जल्दिये आयी, इंतजार करी सभे—-
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