भोजपुरी के बढ़िया वीडियो देखे खातिर आ हमनी के चैनल सब्सक्राइब करे खातिर क्लिक करीं।
Home भोजपुरी साहित्य भोजपुरी कविता भोजपुरी के कविता “हँसी”

भोजपुरी के कविता “हँसी”

0
भोजपुरी के कविता
भोजपुरी के कविता "हँसी"

हँसल नीक ह दवाई
ना जानी जे केतना बेमारी
हंसले से ठीक हो जाला
जैसे सुरुज के हंसले
भाग जाला अंधरिया
चनरमा के हंसले फइल जाला
अंजोरिया
तना जाला
रेशमी चादर चांदनी के
धरती के साथ पर असही
हमरा गाँव में हँसी के बड़ा मोल बा
भईया के बिआह में
भतीजा के छट्ठीहार में
होली के महिना में
पीपल के निचे
चबूतरा पर
जब हँसी के फुहार छुटेला
त टूट जाला रसरी
मइल मन के
झर जाला का
पुरान दुशमनी के
बाकिर शहरिया हँसी
जहरीला ह
लोग एक दोसरा पर हँसेले
ईर्ष्या में धंसेले
ओह बेरा त अउर
जब पडोसी कवनो दुःख में फंसेले
हंसियो के अजबे रूप बा
खने में नीमन खने में कुरूप बा
बेसी हंसला पर गोली चलेला
बाकिर शहरे में
जहवा हँसल जला कम
हँसी उडावल जाला जड़े
गरीब पर गरीबी पर
ईमानदार पर सोझिया पर
तब
हमार मन कहेला
अच्छा बानी गांवे में
पीपर के छावें में
जहवा किरिनिया के हँसी में
बिहँसेला हमार चारू पहर…

भोजपुरी के कविता “हँसी”
रचनाकार: संतोष पटेल

NO COMMENTS

आपन राय जरूर दींCancel reply

Exit mobile version