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देवेन्द्र कुमार राय जी के लिखल दू गो भोजपुरी गीत

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देवेन्द्र कुमार राय जी
देवेन्द्र कुमार राय जी

ननदो हमार हई घरवा के चान हो

पियवा के हमरा ई जिया के परान हो,
ननदो हमार हई घरवा के चान हो।

झुमुकी झुमुकी जब घुमे अंगनईया
हुलसी हुलसी जाले बाबू अउरी मईया,
सईंया जी हमरा दुनिया जहान हो
ननदो हमार———–चान हो।

पिया भोरे कहीं जाले सोझा आके झुनुके
नयका खेलवना खातीर रहि रहि ठुनुके,
भउजी अंचरा के बाडी़ ईहो शान हो
ननदो हमार———-चान हो।

ठुनुकी ठुनुकी खेले अंगना दुअरवा
लहसत लउकेला घरवा बहरवा,
कहे भउजी के अंचरा बा सरग के समान हो
ननदो हमार ———-चान हो।

फुरसत निकाल के विधाता बनवले
बिसकरमा लागे हाथे मूरत सजवले,
सासु आ ससुरजी के बाडी़ ईहो मान हो
ननदो हमार ———-चान हो।

खेलेली मोरा गोदिया में जईसे खेलवना
कहेली कि भईया से कराईब तोहार गवना,
प्रेमवा के बोली इन्हिकर मधु के समान हो
ननदो हमार———–चान हो।

पियवा के हमरा जिया के परान हो
ननदो हमार हई घरवा के चान हो।

भोजपुरी गीत महके घर अंगनईया

धनिया हमार घर के लछीमी हो
महके घर अंगनईया।
सुरत में में मूरत ई अईसन कबूतरा,
भोरे पराती देखि बन जाला जातारा,
गुल गुलजार भईल हमरो अमरईया हो
महके घर अंगनईया।
धनिया हमार———घर अंगनईया।।

छन छन छागल छनकावे अंगनवा,
लागेला हई ई कुल के गहनवा,
बिना इन्हिका ना कटे हमरो समईया हो
महके घर अंगनईया।
धनिया हमार ——–घर अंगनईया।।

भोरे उठत जाली तुलसी चउतरा,
अपना ही हाथे बारे घीउआ के दियरा,
आरती में झुमे सउंसे गईंया हो
महके घर अंगनईया।
धनिया हमार——-घर अंगनईया।।

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