भोजपुरी के बढ़िया वीडियो देखे खातिर आ हमनी के चैनल सब्सक्राइब करे खातिर क्लिक करीं।
Home भोजपुरी साहित्य भोजपुरी गीत ताड़ी पऽ कवि ह्रदयानन्द विशाल जी के लिखल एगो भोजपुरी गाना

ताड़ी पऽ कवि ह्रदयानन्द विशाल जी के लिखल एगो भोजपुरी गाना

0
कवि ह्रदयानन्द विशाल जी
कवि ह्रदयानन्द विशाल जी

चाहें होखे हाड़ा
चाहें होखे हाड़ी
लियाव रे पसिया
लबनी मे ताड़ी

ताड़ी मे जनेव डुबल
ताड़िये मे माला
तरकुल के पेंड़ तर
खुलल बा पाठशाला
ताड़ी खातिर साधु लो
मुड़ावता मोछ दाढ़ी
लियाव…..

ता ड़ी गरीब पिये
ताड़ी पिये राजा
ताड़ी के पियाई मे
आवेला बहुते माजा
खेतवा बेचाई चाहें
तन पर के साड़ी
लियाव…..

ह्रदया विशाल जी के
मन भइल बेकल
पुरा सीजन बीत गइल
कहियो नाही ठेकल
अनिरुध के नाप के
पियाव दुई काँड़ी
लियाव…..

इहो पढ़ी: कवि ह्रदयानन्द विशाल जी लिखल कुछ भोजपुरी गीत

ध्यान दीं: भोजपुरी कथा कहानी, कविता आ साहित्य पढ़े खातिर जोगीरा के फेसबुक पेज के लाइक करीं

NO COMMENTS

आपन राय जरूर दींCancel reply

Exit mobile version