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तैयब हुसैन पीड़ित जी के लिखल भोजपुरी एकांकी संग्रह आपन आपन डर

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Aapan Aapan Dar by Taiyab Hussain Peedit
Aapan Aapan Dar by Taiyab Hussain Peedit

जो एकांकी आ बड़ नाटक में भेद करेला होय त साधारण मनई कह सकेला की एक अंक के नाटक ‘एकांकी’ आ एक से अधिक अंक के नाटक पूर्णाक यानी ‘फूल लेंथ ड्रामा’ होई। बाकी बात इतने नइखे काहेकि संस्कृत साहित्य में जहां एक से लेके गयारह अंक के बृहद नाटक पावल जले, ऊहां भिन्न भिन्न रूप आ शैली के रूपक साथे खाली तीन दृश्यंन तक के लघु रूपको मिलेला ।

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एहि तरेह संस्कृत में अंक शब्द के प्रयोग मनमाना ढंग से भइल बा। एकर कोवनो मान्य सीमा नइखे, ना अंक में दृश्ये के संख्या निर्धारित बा। एह से जो मोटा मोटी एकांकी के अर्थ लघु नाटक मानी त भारतीय साहित्य में अइसन लघुनाटक पहिलहू रहे ।

बाकी एने के एकांकी पश्चिमी साहित्य के अनुकरण पर लिखता आ एकांकी के लघुनाट्य रूप मानल गइल बा जेह में एक परिस्थिति, एक घटना भा एक भावना जनित संवेदना के अभिव्यक्ति कवनो बाहरी भा भीतरी संघर्ष का जरिये अभिनयात्मक शैली में प्रस्तुत भइल होखे। एह में एक तरेह के प्रभाव के उद्बोध होये आ एह उद्बोध से दर्शक आ पाठक दुनो के रागात्मिक्ता वृति जाग जाए।

संस्कृत के लघु रूपक के अंतर्गत ई एहु से ना गिनाई की संस्कृत में रस, भाषा आ चरित्र भा नायक नायिका लेके जवन मान्यता बा आज के एकांकीय ना नाटको ओके बहुत पीछे छोड़ आइल बा।

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