लइकन सबके कविता पढ़ावल जरूरी बा
पथराइल आँखन में गंगा बहावल जरूरी बा
दिलन के दरार के दूरी मिटावल जरूरी बा I
परदा के पीछे बइठ के खेल रहल केहु खेल
ओकरा चेहरा से परदा हटावल जरूरी बा I
रोजे-रोज उछालल जाता नवका नवका नारा
नवका नरवन से दामन बचावल जरूरी बा I
निरदोसवन के खून बहल रोके के खातिर
बारूद के जंगल में आग लगावल जरूरी बा I
सूर के बाल्मीकि के आ तुलसी कबीरजी के
लइकन सबके कविता पढावल जरूरी बा I
भोजपुरी कविता बुझल चूल्हा के उपला प आग मिलल बा
हमरा मनवाँ के मांगल मुराद मिलल बा
दिल के गमला में हमरा गुलाब खिलल बा I
हमरा धड़कन के जेतना सवाल रहन सन
ओह सवालन के सुन्दर जबाब मिलल बा I
हमरा नयनन के दरपन में चाँद आ बसल
हमरा होंठन के सरगम शराब मिलल बा I
मन के बंजर बधार में बहार आ गइल
भरल फगुआ से सोगहग किताब मिलल बा I
जेठ जिनिगी में सावन के फूल खिल गइल
बुझल चूल्हा के उपला प आग मिलल बा I
जीवन पानी पानी
भीतर तक जाके घुसल बा
विष से बुझल तीर
टुअर बनके घुमत बाड़े
साधू सन्त फकीर I
उज्जरका कुरतावाला
बहुते उत्पात मचवले बा
थूक रहल बा सबके ऊपर
सबके नाच नचवले बा I
पसर रहल बा चारु देने
बारूदी बिषबेल
पर्दा के पीछे से केहू
खेल रहल बा खेल I
जंगल में गुलमोहर के
लाग गइल बा आग
मड़ई के ऊपर बैठल बा
आके करिया नाग I
कंठ नदी के सूख गइल बा
पोखर मांगे पानी
हवा हवा के निकल गइल बा
जीवन पानी पानी I
भोजपुरी कविता चैती जब भइल जवान
गुलमोहरी होंठवा वाली
चैती जब भइल जवान
इंद्रधनुष के मुँह लजाइल
फीका पूनम के चान I
भँवरी जइसन आँखन से
फूटे लागल बोल
थिरक-थिरक के नाचे लागल
फूल-कलि के गोल I
चैती के अंगड़ाई प
मोरवा भइल बिभोर
संझियाइल चेहरन के ऊपर
लगल लखाए भोर I
बीती ताहि बिसारी के
बोल उठल मिरदंग
जइसे थाप परल ढोलक प
थिरके लागल अंग I
भोजपुरी कविता एह अजदिया से बढ़िया गुलमिये रहे
एह अजदिया से बढ़िया गुलमिये रहे
बहुरुपियन से बढ़िया जुलुमिये रहे I
पेजर मोबइलवा के रोग बा धराइल
बाल-पेनवन से बढ़िया कलमिये रहे I
भुअरा सुगरवा के माँग बढ़ियाइल
डरगवन से बढ़िया चिलमिये रहे I
जेने देखिं ओनहीं बा माँस लदराइल
बरगरवन से बढ़िया ललमिये रहे I
कोटवा के चक्कर में बिगहा बिकाता
एह कोटवन से बढ़िया दलनिये रहे I
सबके महला के ऊपर दुमहला पिटाता
एह महलवन से बढ़िया पलनिये रहे I
डॉ. हरेश्वर राय