हाल ही मे जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रदेश महासचिव डॉ.चंद्रभूषण राय को बिहार भोजपुरी अकादमी के अध्यक्ष पद पर मनोनीत किया गया है. बिहार सरकार ने भोजपुरी से जुड़े किसी भी लोगो से किसी तरह का विचार-विमर्श नही किया है. यह भोजपुरी भाईयों का अपमान है. कैसे कोई राजनितिक व्यक्ति किसी अकादमी का अध्यक्ष बन सकता है ? भोजपुरी साहित्य से जुड़े लोग को अगर अध्यक्ष बनते तो भोजपुरी और भोजपुरी साहित्य और सशक्त होती. अकादमी के पूर्व अध्यक्ष प्रोफ़ेसर रविकान्त ने जब गैर-क़ानूनी रूप से लोकगायिका मालनी अवस्थी को भोजपुरी का ब्रांड अम्बेसडर बनाया तब तो अभिनेता और गायक मनोज तिवारी को मिर्ची लग गई थी, अब एक राजनितिक व्यक्ति को अकादमी का अध्यक्ष बनाया गया है तो अब क्यों चुप है मनोज तिवारी? अब क्या हो गया है ?