मॉरीशस में गिरमिटिया मजदूरों के आगमन के 180 साल पूरे होने के मौके पर मॉरीशस सरकार अक्टूबर के अंत से लेकर नवंबर के पहले सप्ताह तक एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन कर रही है जिसमें 18 देशों के पतिनिधि शिरकत करेंगे। सिर्फ भारत से करीब 100 साहित्यकार और संस्कृतिकर्मी शामिल हो रहे हैं,
जबकि मॉरीशस जाने वाले भारत सरकार के अधिकृत प्रतिनिधिमंडल में पांच लोग शामिल हैं जिसका नेतृत्व विश्व भोजपुरी सम्मेलन के अंतरराष्ट्रीय महासचिव अरुणेश नीरन करेंगे। इस प्रतिनिधि मंडल में अरुणेश नीरन के अलावा भोजपुरी एवं मैथिली अकादमी दिल्ली के उपाध्यक्ष अजीत दुबे, भोजपुरी के लोकप्रिय कवि एवं टीवी एंकर मनोज भावुक , युवा कवि देवकांत पाण्डेय एवं अरविंद गुप्ता शामिल हैं।
पोर्ट लुइस में अप्रवासी घाट वर्ल्ड हेरिटेज साइट पर आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज शामिल होंगी। स्वराज की उपस्थिति में गिरमिटियों के पहले जत्थे के पहुंचने की याद में एक स्मारक का उद्घाटन भी किया जाएगा।
इस अवसर पर गिरमिटियों पर केंद्रित कई कार्यक्रमों का आयोजन है। महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट 30 अक्टूबर को ‘भोजपुरी महोत्सव’ का आयोजन कर रहा है। जबकि कला एवं संस्कृति मंत्रालय, अप्रवासी घाट ट्रस्ट फंड (एजीटीएफ) के साथ मिलकर तीन दिवसीय (3-5 नवंबर) ‘इनडेन्चर लेबर रूट’विषय पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। भोजपुरी महोत्सव में मनोज भावुक भोजपुरी सिनेमा की विकास- यात्रा पर चर्चा और विचार प्रस्तुत करेगें। साथ हीं मॉरीशस प्रतिनिधि के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन का सञ्चालन भी।
मॉरीशस रवाना होने से पहले मनोज भावुक ने कहा कि गिरमिटियां मजदूरों पर आयोजित इस सम्मेलन से दोनों देशों के सांस्कृतिक संबंधों में और प्रगाढ़ता आएगी। सम्मेलन से गिरमिटियां मजदूरों की संघर्ष यात्रा को देखने में नई दृष्टि प्राप्त होगी। मनोज युगांडा , इंग्लैण्ड व नेपाल आदि देशों में भोजपुरी का परचम लहराते रहे हैं।
विदित हो कि इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में मनोज भावुक को भोजपुरी भाषा एवं साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए कर्मयोगी सम्मान से नवाजा जाएगा।