भोजपुरी के बढ़िया वीडियो देखे खातिर आ हमनी के चैनल सब्सक्राइब करे खातिर क्लिक करीं।
Home Bhojpuri Film Industry News Bhojpuri Film News | भोजपुरी मूवी मसाला मकाउ फिल्‍म फेस्‍ट छोड़ कर आया अपने लोगों के बीच : पंकज...

मकाउ फिल्‍म फेस्‍ट छोड़ कर आया अपने लोगों के बीच : पंकज त्रिपाठी

0
actor pankaj tripathi in patna film festival
actor pankaj tripathi in patna film festival

पटना: अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने कहा कि आज बिहारी लोगों की प्रतिभा को दुनियां में सराही जा रही है। मुझे बिहारी होने पर गर्व है, इसलिए मकाउ फिल्‍म फेस्टिवल छोड़कर अपने लोगों से मिलने पटना फिल्‍म फेस्टिवल में आया। मकाउ में मेरी फिल्‍म गुड़गांव की स्‍क्रीनिंग है, इसके बाद बर्लिन में भी दिखाई जाएगी। इससे ये साबित होता बिहार की प्रतिभा को इंटरनेशनल लेवल पर सम्‍मान मिल रहा है।

बिहार राज्‍य फिल्‍म विकास एवं वित्त निगम और कला संस्‍कृति विभाग, बिहार के संयुक्‍त तत्‍वावधान आयोजित पटना फिल्‍म फेस्टिवल 2016 में उन्‍होंने कहा कि बिहार सरकार और फिल्‍म विकास निगम द्वारा यह फेस्टिवल बढि़या प्रयास है। इससे यहां फिल्‍मों का माहौल बनेगा। इस तरह के आयोजन से बाहर के भी लोगों का ध्‍यान आकृष्‍ट होता है। अब पटन फिल्‍म फेस्टिवल की चर्चा मुंबई में भी होगी, जो बिहार की सिनेमा के लिए महत्‍वपूर्ण होगा।

इससे पहले पंकज त्रिपाठी ने गुरू-शिष्‍य संवाद पर आयोजित चर्चा में भाग लिया। उन्‍होंने कहा कि गुरू कोई भी हो सकते हैं। इसके अलावा हम बहुत कुछ देखकर भी सीख लेते हैं। हमारे बनने की प्रक्रिया में गुरूओं के मार्गदर्शन का अहम योगदान होता है। इस प्रक्रिया में कई गुरू मिलते है, जो जरूरी भी है। एक सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा कि ग्‍लोबल फिल्‍मों में भाषाई परेशानी होती है, मगर कई बार बिना शब्‍द के भी अभिनय के जरिए इमोशन को दिखाया जाता है। उड़ता पंजाब में अभिनेत्री आलिया भट्ट को ट्रेन करने का जिक्र करते हुए कहा कि आलिया काफी मेहनती हैं। मैंने उन्‍हें बस बिहार की मजदूर के बारे में कुछ गाइड किया और चंपारण के मजदूरों की खूबियां बताई जो उनके अभिनय में दिखा भी।

वहीं, गुरूवार शिष्‍य संवाद पर चर्चा करते हुए अभिनेता पंकज झा ने कहा कि गुरू हमारे जीवन में कुम्‍हार की तरह होते हैं, जो हमें एक कलात्‍मक आकार देते हैं। उन्‍होंने कहा कि जीवन में हर व्‍यक्ति अभिनय करता है। प्रतिभा सब में है। बस उन्‍हें मौका नहीं मिलता या फिर हम अपनी प्रतिभा से अंजान होते हैं। रंगकर्मी पुंज प्रकाश ने कहा कि सीखता वही है, जो सीखना चाहता है और जिससे हम सीखते हैं वो हमारे गुरू होते हैं। लंबे समय से थियेटर से जुड़े रंगकर्मी परवेज अख्‍तर ने कहा कि रंगमंच की विधा में शिल्‍प का भी महत्‍व है। सृजन के क्षेत्र में जो अपनी मौलिकता के साथ हैं, वही याद किए जाते हैं। सेंस ऑफ इंप्रोवाजेशन थियेटर की आत्‍मा है।

उधर, रविंद्र भवन में आयोजित ओपेन हाउस डिबेट में अभिनेता कुणाल सिंह ने कहा कि भोजपुरी एक मजबूत भाषा है, जो काफी दुत्‍कार के बाद भी जिंदा है। हिंदी सिनेमा में एक दौर ऐसा था कि उन्‍होंने भोजपुरी को बाजार बनाकर उपयोग किया, लेकिन हम पिछड़ गए। मगर अब फिर से भोजपुरी सिनेमा बेहतरी की ओर अग्रसर है। फिल्‍म समीक्षक अमित कर्ण ने कहा कि भोजपुरी सिनेमा को एक हद तक डिस्‍ट्रीब्‍यूटर और एग्‍जीवीटर भी प्रभावित करते हैं। वे ही प्रोड्यूसर को फिल्‍म के कंटेंट को लेकर प्रभावित करते हैं। इसके अलावा, भोजपुरी सिनेमा की दूसरी बड़ी समस्‍या थियेटर भी है जो निम्‍न स्‍तर के होते हैं। इसलिए एक बड़ा वर्ग भोजपुरी फिल्‍मों के लिए थियेटर की ओर नहीं जाता है।

वहीं, अंजनी कुमार ने कहा कि हर जगह, हर तरह के लोग हैं। जिनकी अपनी समझ है। मगर भोजपुरी फिल्‍मों के विकास के लिए आज साहित्‍य, थियेटर और सिनेमा पर विशेष ध्‍यान देना होगा। स्‍कूलों में ड्रामेटिक आर्ट के विषय को जोड़ना चाहिए, ताकि युवाओं को फिल्‍म के बारे में भी समझ हो। साथ ही युवा फिल्‍म मेकर शॉट और डॉक्‍यूमेंट्री फिल्‍म बनाकर यूटयूब के जरिए भी भोजपुरी सिनेमा को आगे ले जा सकते हैं। आनंद जैन ने कहा कि फिल्‍म मेकरों का काम सिर्फ समाज को देखकर फिल्‍म बनाना ही नहीं है, बल्कि फिल्‍म के जरिए लोगों को प्रशिक्षित करना भी है।

बता दें कि पटना फिल्‍म फे‍स्टिवल 2016 के दौरान रिजेंट सिनेमा में आज अंतिम दिन सुल्‍तान, मैंगो ड्रीम्‍स और कैटस डॉंट हैव का प्रदर्शन हुआ। वहीं, रविंद्र भवन के दूसरे स्‍क्रीन पर भोजपुरी फिल्‍म जिंदगी है गाड़ी सैया ड्राइवर – बीवी खलासी, दुल्‍हा और धरती मैय्या दिखाई गई। अंत में सभी अतिथियों को बिहार राज्‍य फिल्‍म विकास एवं वित्त निगम के एमडी गंगा कुमार और फिल्‍म फेस्टिवल के संयोजक कुमार रविकांत ने शॉल और स्‍मृति चिन्‍ह देकर सम्‍मानित किया। इस दौरान बिहार राज्‍य फिल्‍म विकास एवं वित्त निगम की विशेष कार्य पदाधिकारी शांति व्रत भट्टाचार्य, अभिनेता विनीत कुमार, फिल्‍म समीक्षक विनोद अनुपम, फिल्‍म फेस्टिवल के संयोजक कुमार रविकांत, मीडिया प्रभारी रंजन सिन्‍हा मौजूद रहे। बता दें कि कल पटना फिल्‍म फेस्टिवल का समापन समारोह के दौरान पद्म विभूषण डॉ सोनल मानसिंह बिहार में 20 साल बाद परफॉर्म करेंगीं। इसेके अलावा फिल्‍म विकास में उत्‍कृष्‍ट योगदान के लिए बिहार राज्‍य फिल्‍म विकास एंव वित्त निगम द्वारा स्व अशोकचंद जैन, मोहनजी प्रसाद, राकेश पांडेय, विशुद्धानंद, कुणाल सिंह, विजय खरे, किरण कांत वर्मा, सुनील प्रसाद, जीतेन्द्र सुमन, अभय सिंह, प्रेमलता मिश्रा, कुणाल बैकुंढ़ सिंह को सम्‍मानित भी किया जाएगा।

NO COMMENTS

आपन राय जरूर दींCancel reply

Exit mobile version