भोजपुरी फिल्मोद्योग के जाने-माने लेखक-निर्देशक कुमार विकल एक बार फिर नये अंदाज़ में सक्रिय हैं। इस बार वह फिल्म निर्माण के हर पहलू को नवीन रूप में निरूपित करनेवाले हैं। उनकी अगली फिल्म एक नये -सजयर्रे की प्रस्तुति होगी जो भोजपुरी सिनेमा को एक नयी राह पर ले जाने को प्रेरित करेगी। पिछली फिल्में ‘रखिहऽ लाज अंचरवा के’, ‘शिवगुरु महिमा’, ‘रंगबाज हीरो’, ‘करेला कमाल धरती के लाल’ इत्यादि से बिल्कुल ही अलग होगी कुमार विकल की अगली भोजपुरी फिल्म सन्नाटा ।
यह फिल्म भोजपुरी सिनेमा की एक बेहतर और सुंदर छवि बनाने में मददगार होगी। अंधविश्वास और पारंपरिक-सजयकेसलों को बेपर्दा करती यह फिल्म सच के करीब होगी। यह कुछ सत्य घटनाओं और भूत-प्रेत की प्रचलित कहानियों के अद्भुत मेल से बननेवाली भोजपुरी की रहस्य-रोमांच से भरपूर पहली हाॅरर फिल्म होगी।
अपने कैरियर के प्रारंभ में पत्रकारिता में नाम कमानेवाले कुमार विकल आज भी अपनी शर्तों पर ही काम करते हैं। फूहड़ता और नग्नता के आरोपों से घिरी भोजपुरी इंडस्ट्री में कुमार विकल आज भी धारा के विरुद्ध ही काम करते हैं। इनकी किसी भी फिल्म में इन बातों को जगह नहीं मिलती।
भोजपुरी फिल्म सन्नाटा में कुमार विकल ने कई नये प्रयोग किये हैं। पहली बार किसी भोजपुरी फिल्म में हिन्दी रंगमंच के स्थापित कलाकारों को उतारा जा रहा है। प्रीतमपुरा (दिल्ली) के सबसे बडे रामलीला ग्रुप के राम (लक्ष्य कुमार) और रावण (करन सिंह) को भोजपुरी फिल्म में लाना एक सार्थक पहल है। इनके अतिरिक्त नेहाश्री, सचित कुमार, श्वेता वर्मा, रीतेश राय, शकीला मजीद, ब्रजेश त्रिपाठी और के.के. गोस्वामी भी हैं। अमन श्लोक का मधुर संगीत भोजपुरी फिल्म सन्नाटा का सबल पक्ष होगा।