कथा कहानी कवनो नावतुंग चीझ ना ह। आदमी जवन जी रहल बा, भोग रहल बा कहानी ओही मे से जनमेले। जिनगी हर छन एगो कथा ह , हर धड़कन गीत ह, मन के हर मुचकन कहानी ह। तन के हर बेबसी व्यथा ह – व्यथा के भोग कथा ह। जिनगी कहानी , कहानी जिनगी। गावं के अमराई में कहानी खेलेले , धुरा में लोटेले आ नदी किनारे जिनगी के परछाई देख -हेर के आँखि में सपना के काजर करेले।
शहर के हर रास्ता, सड़क; खेत के हर बाट, ड़रेर कहानी के गोर से धनंगाइल बा आ रँगाईल बा ओकरा महावर से इतिहास के गाल। आदमी के मन के प्रेम, घृणा जिनगी के अंग ह। अँजोर आ अन्हार से साउनाइल इहे रूप – इहे परछाही कहानी के प्रेणना ह।
जिनगी के परछाहीं भोजपुरी कहानी संग्रह डाउनलोड करे के खातिर क्लिक करीं
रउवा खातिर
भोजपुरी मुहावरा आउर कहाउत
देहाती गारी आ ओरहन
भोजपुरी शब्द के उल्टा अर्थ वाला शब्द
जानवर के नाम भोजपुरी में
भोजपुरी में चिरई चुरुंग के नाम
इहो पढ़ीं
भोजपुरी गीतों के प्रकार
भोजपुरी पर्यायवाची शब्द – भाग १
भोजपुरी पहेली | बुझउवल
भोजपुरी मुहावरा और अर्थ
अनेक शब्द खातिर एक शब्द : भाग १
लइकाई के खेल ओका – बोका
भोजपुरी व्याकरण : भाग १
सोहर
ध्यान दीं: भोजपुरी फिल्म न्यूज़ ( Bhojpuri Film News ), भोजपुरी कथा कहानी, कविता आ साहित्य पढ़े जोगीरा के फेसबुक पेज के लाइक करीं।