भोजपुरी के बढ़िया वीडियो देखे खातिर आ हमनी के चैनल सब्सक्राइब करे खातिर क्लिक करीं।
Home Interviews पापा से तुलना मेरे लिए बड़ी उपलब्धि है-आदित्य नारायण

पापा से तुलना मेरे लिए बड़ी उपलब्धि है-आदित्य नारायण

0
Interview of Aditya Narayan
Interview of Aditya Narayan

फिल्म “गलियों की रासलीला रामलीला” में सर्वाधिक पसंद किया जानेवाला गीत रहा है-आदित्य नारायण का गाया हुआ “राम जी की चाल देखो…” और “इश्कियां ढिश्कियां…” मगर इन गीतों को गानेवाले आदित्य को तकलीफ यह है कि लोग समझते हैं कि इन्हें आदित्य के पिता मशहूर गायक उदित नारायण ने
गाया है।

लोग मुझे काम्पलीमेंट देते हैं कि तुम्हारे पापा ने अच्छा गीत दिया है और उनको कहते हैं आपने अच्छा गाया है’ कहते हुए हंसते हैं आदित्य। अब मुझे कहना पड़ता है कि ये गीत मैंने गाया है। हालांकि ऑडियो और सीडीज में मेरा ही नाम हर जगह है पर शायद बाप-बेटा होने की वजह से आवाज मेल खा गई है।


इससे पहले भी किशोर कुमार-अमित कुमार, मुकेश जी-नितिन या…और कई गायक बाप-बेटे की आवाज़ में समानता आयी है औ वैसा ही आपके साथ है?

हां, शायद ‘जेन’ का असर तो रहता है न! वैसे, मुझे खुशी होती है जब पापा से कंपेअर होता है। वह बहुत बड़े गायक हैं।
आदित्य नारायण बचपन से गानों की दुनिया में रहे हैं। मम्मी (दीपा नारायण) और पापा (उदित नारायण) का असर इतना रहा है कि वह भी बचपन से गा रहे हैं। भारत की तमाम भाषाओं (हिन्दी, मराठी, गुजराती, पंजाबी, हरियाणवी आदि) में गाते हुए आदित्य दो हजार गाने गा चुके हैं। उनका बचपन में गाया गीत ‘छोटा बच्चा जान के मुझको ना…’ आज भी हिट है। वह ‘सारेगामा’ के एंकर भी रहे हैं और वहां भी उनको जबरदस्त कामयाबी मिली है।

बतौर नायक पर्दे पर (फिल्म-‘शापित’) से आने के बाद गायन में वापसी कैसे हुई?

हां, विक्रम भट्ट की फिल्म ‘शापित’ से मैंने बतौर हीरो पर्दे पर क़दम रखा, मगर मेरे काम की तारीफ के बावजूद फिल्म अच्छी नहीं गई तो… मैंने तय किया कि पूरी तैयारी करके कोई भी काम करना चाहिए। मैंने दो साल संजय लीला भंसाली सर के साथ डायरेक्शन में लगकर पूरी तरह फिल्म की सारी तकनीक सीखा है। फिल्म ‘रामलीला’ में मैं उनके साथ था और म्यूजिक वह खुद किए हैं तो गाना भी मैंने उनके साथ गाया है। गाना हिट हो गया है, अच्छा लग रहा है।

अब…गायक या अभिनेता किस रूप में कैरिअर को आगे ले जाना चाहेंगे?
अच्छा ब्रेक मिलता है तभी अभिनेता को आगे लांगा। कुछ भी करने के लिए एक्टिंग नहीं करूंगा। बहुत अच्छा होगा तभी! जहां तक गाने की बात है तो वो तो मेरे खून में है।

आपकी पहली पसंद क्या है-गायन या अभिनय?
संगीत मेरा पहला प्यार है। वजह बता रहा हूं, वही है। एक्टिंग मेरा शौक है और शौक जब प्रोफेशन का हिस्सा बन जाए तो बात बन जाती है।

और फिल्मों के लिए गा रहे हैं?
‘रामलीला’ के पहले अपनी फिल्म ‘शापित’ के लिये गा चुका हूं। उसका गीत ‘कभी न कभी तो मिलेंगे…’ सबको पसंद आया था। ‘अकेले हम अकेले तुम’ के लिये भी गाया था।

‘रामलीला’ के गानों के लिये कम्पलीमेंट?
फिल्म इण्डस्ट्री के कई संगीतकारों ने मुझे फोन पर या पापा को कहकर अपनी अच्छी प्रतिक्रिया दिया है। वे सब मुझसे गवाना चाहते हैं। मुझे खुशी है कि मेरे ये गाने मेरे मम्मी-पापा को पसंद आये हैं जो स्वयं बड़े गायक हैं और मेरे क्रिटिक भी।

पापा से तुलना मेरे लिए बड़ी उपलब्धि है-आदित्य नारायण

NO COMMENTS

आपन राय जरूर दींCancel reply

Exit mobile version