परनाम ! स्वागत बा राउर जोगीरा डॉट कॉम प, रउवा सब के सोझा बा डॉ. हरेश्वर राय जी के लिखल भोजपुरी गजल, पढ़ीं आ आपन राय जरूर दीं कि रउवा डॉ. हरेश्वर राय जी के लिखल भोजपुरी गजल कइसन लागल आ रउवा सब से निहोरा बा कि शेयर जरूर करी।
नयकी गुलामी
हमार जिंदगानी, हमार जिंदगानी I
भइल पानी पानी, हमार जिंदगानी II
ललकी अँखियन से काँपेला जियरा I
केहुओ खड़ा बा उदर प लात तानी II
नोकरी के रसरी से जिनिगी छ्नाइल I
सुबह शाम हरदम दूहल जात बानी II
हमरी कलमिया के मरले बा लकवा I
कोमा में परल बिया मुँहवा के बानी II
आमवा के महुआ कहल बा मज़बूरी I
इ ह नयकी गुलामी, पुरनकी कहानी II
अँजुरी में सुरुज
थीर पानी में ढेला उछाले चलीं
कोना-सानी से जाला निकाले चलीं I
लिके – लीक कबहूँ सपूत ना चलस
राह सुन्दर बनाईं ऊँचा ले चलीं I
जदी अंगुरी अंगार से बचावे के बा
हाथ में मोट सिउँठा उठा ले चलीं I
अगर फूलहिं से पहिले चपाती फटे
मोट आटा के चलनी से चाले चलीं I
रात के मात देवे के बड़ुए अगर
अपना अँजुरी में सुरुज उठा ले चलीं I
जिंदगी रेत जइसन पियासल बिया
सियासी छेनी से कालिमा तराशल बिया I
चांदनी हमरा घर से निकासल बिया II
भोर के आँख आदित डूबल बा धुंध में I
साँझ बेवा के मांग जस उदासल बिया II
सुरसरी के बेदना बढ़ल बा सौ गुना I
नीर क्षीर खाति माछरि भुखासल बिया II
कोंपलन पर जमल बा परत धुरि के I
बूंद-बूंद खाति परती खखासल बिया II
खाली थोथा बचल बा उड़ल सार सब I
जिंदगी रेत जइसन पियासल बिया II
गुमसुम दुपहरी
गहरान हमरा क्षोभ के अथाह हो गइल I
सगी हमरी सरौती कटाह हो गइल II
गाँव से उजड़नी शहर में भूलइनी I
हमरा दरद के कठौती कड़ाह हो गइल II
हमार रिश्ता टूटल फूल से गंध से I
हमार सरगम बपौती तबाह हो गइल II
तनवा बा बंधुआ आ मनवा भी बंधुआ I
हमार असमय बुढ़ौती गोटाह हो गइल II
गुमसुम दुपहरी आ गुमसुम गोरइया I
हमरा डर के सिलौटी निठाह हो गइल II