परनाम ! स्वागत बा राउर जोगीरा डॉट कॉम प, आयीं पढ़ल जाव संजीव कुमार जी के लिखल हमरा नजर में वर्ष 2019 , देखीं केंगा संजीव जी बितला साल २०१९ के अनुभव बता रहल बानी। रउवा सब से निहोरा बा कि पढ़ला के बाद आपन राय जरूर दीं।
वर्ष 2019 बहुते अच्छा से बीतल, हमार ध्यान कवनो राजनीतिक उलट फेर पर नईखे, हमार ध्यान बा “भोजपुरी भाषा” पर, हमरा आपन माटी के बोली पर , हमरा आपन “भोजपुरी” पर।
हमनी के माटी के बोली, हमनी के मातृभाषा के संविधान के आठवी अनुसूची में शामिल कईल जाव, ई प्रयास हमनी के जारी रखे के बावे।
हमनी के आपन भाषा के प्रचार अउर जन जन के भाषा बनावे खातिर प्रयास कर रहल बानी जा….
ई वर्ष से हम भोजपुरी में लिखल शुरू कईनी..अउर हमार पहिलका रचना छपल ई सिरिजन पत्रिका में, ई खातिर, सिरिजन पत्रिका के ढ़ेर सारा बधाई बा। सम्पादकीय टीम के नमन बा।
हम सादर परनाम कर रहल बानी “भोजपुरी साहित्य सरिता” पत्रिका के संपादक एवं आदरणीय गुरु जी श्री जे0 पी0 द्विवेदी जी के, भोजपुरी खातिर ई पत्रिका भी समर्पित पत्रिका बा। ई पत्रिका में भी हमार भोजपुरी के कहानी के जगह मिलल।
अपना जिला गोपालगंज से एगो भोजपुरी के मासिक पत्रिका , “भोजपुरीया बयार” में आपन लेखनी के निखार रहल बानी। भोजपुरीया बयार पत्रिका, भोजपुरी खातिर समर्पित पत्रिका बावे, ई पत्रिका के संपादक श्री शैलेश जी के बधाई बा। ई पत्रिका खातिर समर्पित सब सदस्य लोग के सादर नमन कर रहल बानी और परम स्नेह भी रखत बानी, की पत्रिका जन जन के हाथ मे हर माह में उपलब्ध होखत रहे, लोग भोजपुरी में पढ़े, क्षेत्रीय, राज्य अउर देश विदेश के समाचार लोग भोजपुरी में पढ़त रहो, इहे आशा बा, ई हमनी के पत्रिका चौतरफा आगे बढ़ो।
हम अपना दुनु गुरु जी के सादर चरणस्पर्श कर रहल बानी, पहिला गुरु जी आदरणीय श्री गोरख नाथ यादव जी और दुसरका गुरु जी आदरणीय श्री सुभाष पांडेय जी उर्फ संगीत सुभाष जी। धन्यवाद दे रहल बानी, चरणाश्रयी संस्था के की जेकर कार्यक्रम में दुनु गुरु जी के परम स्नेह मिलल।
हमार हिम्मत बढ़ावे खातिर हम धन्यवाद दे रहल बानी, पुरुआ के श्री धनन्जय तिवारी जी के अउर जोगीरा के श्री चन्दन कुमार सिंह जी के, ई दुनु लोग के भोजपुरी खातिर समर्पण देख के मन आनन्दित होखत रहेला।
ई वर्ष खास रहल, “जय भोजपुरी जय भोजपुरीया” अमही मिश्र , भोरे, गोपालगंज में भोजपुरी खातिर समर्पण देख के, गुरु जी श्री अनिल चौबे जी के फेर से दुर्लभ दर्शन भ गईल।
भोजपुरी खातिर समर्पित “आखर” पंजवार, सिवान के आखर परिवार के सब सदस्य लोगन के सादर नमन कर रहल बानी, आखर के हर सदस्य अपना आप में हीरा बाड़न, भोजपुरी खातिर ई समर्पित संस्था के योगदान के कम नइखे आकल जा सकतs।
आखर के एगो गीत बड़ी अच्छा लागेला…
” माई भोजपुरी तब, मने मन बिहसेली
जब जब निरखेली, आखर के ओरिया
माटी से जुड़ल अपना, पुतवन के परिखेली
जइसे घरे आईल होखे, पियवा के गोरिया।”
भोजपुरी खातिर समर्पित संस्था,भोजपुरी साहित्य विकास मंच, भी समर्पित बा। ई संस्था के गोपालगंज जिला के प्रतिनिधि भी हम बानी, ई गर्व के बात बा। ई संस्था के हरेक सदस्य के नमन बा, भोजपुरी खातिर हर प्रयास के नमन वंदन बा।
दिल्ली के जंतर मंतर पर दिसम्बर माह में भोजपुरी के मान्यता दिलावे खातिर उपस्थित सब लोग के सादर परनाम कर रहल बानी, ई जोश ठंडा ना होखे के चाही, हमनी के आंदोलन जारी रही। भोजपुरी आठवी अनुसूची में जरूर शामिल होई। आदरणीय श्री संतोष पटेल जी के योगदान के कम नइखे आकल जा सकत, उहा के भी सादर नमन कर रहल बानी।
जमशेदपुर के धरती भी भोजपुरी के लाल से भरल बा, आप सबके भी सादर नमन कर रहल बानी। राजेश जी के विशेषकर।
भोजपुरी खातिर समर्पित सब लोगन के साथ ही हमर सगरी फेसबुक दोस्त लोग के विशेष सप्रेम नमन करत बानी अउरी ढ़ेर सारा स्नेह और प्रेम के संगे अंत मे हमार कविता के दु चार लाइन प्रस्तुत करत बानी………
“महेंदर भिखारी भरत गावेले जे गितिया
शारदा रसुल बनले अंजन के संघतिया
बड़ा मीठ लागे हो, संजीव के बतिया
नेहिया सनेहिया के डोर भोजपुरीया
कोयल से मीठ लागे बोली भोजपुरीया।”
भोजपुरी के कुछ उपयोगी वीडियो जरूर देखीं
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