भोजपुरिया नाहर मंगल पांडे : राणा परमार

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विलायती राज के खिलाफ 1857 में आपन लेहु से लुकाड़ी जरावेवाला भोजपुरिया नाहर मंगल पांडे के जयंती पर विशेष राणा परमार अखिलेश, छपरा (सारण)

“साखी गवाह आसमान इतिहास बा लोहा चिबावे भोजपुरिया ।
ललकार सुने जब अरि दल के तब तेगा उठावे भोजपुरिया ।
जे कड़ुआ बात करे ‘ राणा परमार’,
जिभिया खींच लेवे भोजपुरिया ।”

ईहे भोजपुरिया मनइयन के मिजाज अबहुंओ बा। जब देस धरम पर केहु आंख देखउलस तऽ भोजपुरिया ओकर आंखियां निकाले में आपन जान भा परान के फिकिर कबो ना कइलसि। डाक्टर राजेश्वर सिंह राजेश जी के कहनाम बा, काऽ?

करे गड़िवानी दरवानी हरमुठाही,
बनेके चाहेला बेसी पल्टन सिपाही ।’

हम आज ओही भोजपुरिया बंगाल नेटिव इंफेंट्री के सिपाही नंबर 1446 मंगल पांडेय के इयाद कर रहल बानी। जे 26 बरिस 2 महीना 9 दिन के जिनगी जिअल । दूइगो विलायती पल्टन के हाकिम ने उनकर ‘हेवन’ के परवाना काट दिहल आऽ एक जने के तऽ तेरूआर से कान्हा समेत बांहें छपाक से काट लिहल। दुश्मन के हाथे मउगत ना चाहत रहरलन बाकिर नियति कुछ आउरी मंजूर रहे, गद्दार पल्टू शेख उनकर अरमान के खून कर दिहलसि,गिरफ्तार भइलन, कोर्ट मार्शल भइल आ ऽ फांसी पर चढ़ गइलन । ओहि नरबाघ के बलिदान के प्रणाम करता आज भारत।

भोजपुरिया नाहर मंगल पांडे : राणा परमार
भोजपुरिया नाहर मंगल पांडे : राणा परमार

ई कहे के जरूरत ना बा कि केदली बन के हाथी, काबुल के घोड़ा आ भोजपुरिया मरद के मरदाही दुनिया जानेला। भोजपुरिया नाहर जाति के ब्राह्मण आ करम के क्षत्री मुँह में वेद कान्हे बंदुक आ कमर में तेरूआर भगवान परशुराम के चेहरा इयाद दिलावेला। पंडित मंगल पांडेय जी के जनम भोजपुरिया पुरबिया बलिया जिला (यूपी ) के नगवां गांव में जनम अंग्रेजी तारीख 19 जुलाई 1827 बतावल जाला । कुछ लोग उनकर जनम फैजाबाद जिला सुरहुरपुर बतावेलन । ओसहीं उनकर बाबू जी नांव दिवाकर पांडेय आ माई के नांव आभा रानी आ सुदिष्ट पांडेय आ जानकी देवी बता के भरम में बा लोग चाहे भोजपुरिया आ अवधि में झमेला के नियत से विवाद करत बा,लोग । बाकिर उनकर छोट भाई गिरिवर पांडेय आ ललित पांडेय के वंशज आजो नगवां गांव में कुर्सीनामा देखावेलन।

बाल ब्रह्मचारी मंगल पांडे आपन भोजपुरिया मिजाज से इस्ट इंडिया कंपनी के पल्टन के सिपाहीगिरि में चलि गइलन । बंगाल नेटिव इंफेंट्री में विलायती अफसर आ हिन्दुस्तानी सिपाही रहुए। 1857 में एनफील्ड बंदुक आ दांत से छीलके कारतूस भरे के हुकुम आगि में घीव के काम कइलस । अंग्रेजी सिपाही आ हिन्दुस्तानी सिपाही के दरमाहा से लेके आउरी भेदभाव तऽ गोरवन के फितरत रहल । गाय सुअर के चर्बी के कभर लागल कारतूस जब दांति से छील के बंदुक के नाल में डाल के फायर के बात से पांडे जी मगज गरमा गइल । ई तऽ धरम नाश के इसाईयन के षड्यंत्र रहल। 19 मार्च 1858 के बैरकपुर छावनी के परेड मैदान में मेजर हडसन हुकुम दिहल । बस पांडे जी मगज गरमा गइल आऽ आवा ना देखलन ताव धर धर्रा के फायर झोक दिहलन, मेजर हडसन कबुतर मतिन छटपटा के ढेर हो गइल दुसरिका मेजर ह्यूमन के उहे मउगत भइल ,तबले तिसिका जनरल बाॅव गोली दगलस पांडे जी अपना के बचा लिहलन आ तेरूआर के जोरदार प्रहार से ओकर पंखुड़ा आ बांह उतार दिहलन। जमादार ईश्वरी प्रसाद जरनल के हुकुम ना मनलस बाकिर गद्दार पल्टू शेख गोरा पल्टन के सिपाहियन के मदत से पांडे जी पंजिआ के पकड़ दिहलसि ।

राणा परमार अखिलेश
राणा परमार अखिलेश

6 अप्रैल 1857 के कोर्ट मार्शल भइल आ ऽ 8 अप्रैल 1857 के फांसी के तख्ता पर झुल गइलन । बगावत के आग बैरकपुर, मेरठ, दानापुर चहुँ पल । दानापुर छावनी से हिन्दुस्तानी सिपाही जगदीशपुर नरेश नरेश बाबू कुँवर सिंह के सरदारी में आरा कलक्टरी ,गाजीपुर, आजमगढ फतह कइल। ओने मेरठ के सिपाही नाना साहेब तात्यांटोपें आखिरी बादशाह बहादुर शाह जफर का नेतृत्व में लड़ल। बगावत फेल रहल बाकिर ओकर लुत्ति बुताइल ना। रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, राजेन्द्र लाहरी, ठाकुर रौशन सिंह आ बिहार के सारण जिला के दिघवारा प्रखंड के मलखाचक के भोजपुरिया नाहर बाबू रामदेनी सिंह बदे मशाल बनल। बिहार के पहिलका शहीद रामदेनी सिंह मुजफ्फरपुर जेल में वंदेमातरम कहि के फांसी के फंदा चुमलन तऽ बिस्मिल गोरखपुर में ‘ सरफरोशी की तमन्ना के संगे । कहे बदे आजादी अंग्रेजी में ट्रांसफर ऑफ पावर पावेवाला देश के कर्णधार एह बलिदान के सम्मान ना कइलन जेकर बलिदानी हकदार रहलन ।

1984 में बैरकपुर में मंगल पांडेय महाउद्यान आऽ डाक टिकट जारी खानापूरी भइल । कवनो टिशन, जिला के नांव मंगल पांडेय जी के नांव पर ना धराइल । दिल्ली में अकबर, शाहजहाँ,औरंगजेब रोड के भरमार बा, कलकत्ता में डलहौजी, लखनऊ में किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज बा। बिहार में वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा भोजपुर आ वीर कुंवर सिंह सेतु बा। बख्तियारपुर ओही आततायी के नांव पर टिशन बा जवन नालंदा विश्वविद्यालय के माटी में मिला देले रहे। एहसे निहोरा बा कि बाबा मंगल पांडेय जी के नांव पर कुछ होखे ला सरकार से ध्यान घिंचत जाव । मंगल बाबा अमर बानी । हमरा मन मिजाज में उनकर करनी हमारा धमनी के लेहु में गरमी लेसऽ ला, आजो ।


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