ई भोजपुरी व्याकरण छात्र लोग के ध्यान में राख के लिखाइल बा, आ इ भोजपुरी व्याकरण बिहार सरकार के कक्षा-६ के खातिर भोजपुरी पाठ्य पुस्तक दिया बाती से लिहल गइल बा।
भोजपुरी व्याकरण बिहार सरकार के कक्षा-६ के भोजपुरी पाठ्य पुस्तक से
संज्ञा
परिभाषा – कवनो व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भाव आदि के नाम के संज्ञा कहल जाला । जाइसे–राम, सीमा, लइका, पटना, बुढ़ापा आदि ।
संज्ञा के भेद
संज्ञा के पाँच गो भेद होला:-
- व्यक्ति वाचक संज्ञा
- जाति वाचक संज्ञा
- भाव वाचक संज्ञा
- समूह वाचक संज्ञा
- द्रव्य वाचक संज्ञा
1. व्यक्ति वाचक संज्ञा- जवन संज्ञा से कवनो खास व्यक्ति, वस्तु, जगह आदि के बोध होला, ओकरा के व्यक्ति वाचक संज्ञा कहल जाला ।
जइसे- राम, सीता, कुरान, बाईबिल, चमनपुर आदि ।
2. जातिवाचक संज्ञा – जवना संज्ञा से जाति भर के बोध होला ओकरा के जातिवाचक संज्ञा कहल जाला ।
जइसे- लड़का, लड़की, शहर, देश आदि ।
3. भाव वाचक संज्ञा – जवना संज्ञा से व्यक्ति भा वस्तु के गुण आ धरम के बोध होला, ओकरा के भाव वाचक संज्ञा कहल जाला ।
जइसे- लम्बाई, चौड़ाई, मित्रता, खटास, सजावट आदि ।
4. समूहवाचक संज्ञा – जवना संज्ञा से व्यक्ति भी वस्तु के समूह के बोध होला, ओकरा के समूहवाचक संज्ञा कहल जाला ।
जइसे- परिवार, सभा, सेना, दल आदि ।
5. द्रव्यवाचक संज्ञा – जवना वस्तु के नापल भा तउलल जाय, ओकरा के द्रव्यवाचक संज्ञा कहल जाला ।
जइसे- सोना, चाँदी, हीरा, मोती, दूध, दही, कपड़ा आदि ।
सर्वनाम
संज्ञा के बदले जवना शब्द के प्रयोग कइल जाला, ओकरा के सर्वनाम कहल जाला ।
जइसे- हम, तू, राउरा, ऊ, ई आदि ।
सर्वनाम के भेद
- पुरूष वाचक सर्वनाम
- निश्चय वाचक सर्वनाम
- अनिश्चय वाचक सर्वनाम
- संबंध वाचक सर्वनाम
- निजवाचक सर्वनाम
- प्रश्न वाचक सर्वनाम
1. पुरूषवाचक सर्वनाम- जवना सर्वनाम से बोलेवाला, सुनेवाला भा जेकरा बारे में कहल जाव, ओकरा के पुरूष वाचक सर्वनाम कहल जाला । जइसे- रउरा, ऊ, ओकर
पुरूष वाचक सर्वनाम के तीन गो भेद होला
(i) उत्तम पुरूष ।
(ii) मध्यम पुरूष ।
(iii) अन्य पुरूष ।
2. निश्चय वाचक सर्वनाम – निश्चितता बोधक सर्वनाम निश्चय वाचक सर्वनाम । जइसे–ई, उ, ऊ
3. अनिश्चय वाचक सर्वनाम – कुछ, आउर, कोई अनिश्चय वाचक सर्वनाम होला, एह में व्यक्ति भा वस्तु के अनिश्चय के बोध होला ।
4. संबंध वाचक सर्वनाम – सर्वनाम से सर्वनाम के जोड़े वाला शब्द सम्बन्ध वाचक सर्वनाम होला, जेकर, ओकर ।
5. निजवाचक सर्वनाम – एह सर्वनाम में निजता के बोध होला । जइसे- आपन, हमार।
6. प्रश्न वाचक सर्वनाम – जवना सर्वनाम से प्रश्न के बोध होला, ओकरा के प्रश्न वाचक सर्वनाम कहल जाला ।जइसे– के पढ़ रहल बा ? का पढ़ रहल बा?
विशेषण
जवन शब्द संज्ञा भा सर्वनाम के विशेषता बतावे, ओकरा के विशेषण कहल जाला। जइसे- अच्छा लइका पिता के आज्ञा के पालन करेला। इहां अच्छा शब्द लइका के विशेषता बताव ता, एह से विशेषण बा ।
विशेषण के भेद
-
- गुणवाचक विशेषण।
- संख्यावाचक विशेषण।
- परिमाणवाचक विशेषण
- सार्वनामिक विशेषण
- संबंधबोधक विशेषण
1. गुणवाचक विशेषण – जवना विशेषण से गुण, दोष, रंग आकार, आ दशा के बोध होला, ओकरा के गुणवाचक विशेषण कहल जाला। जइसे- सुन्दर, लाल, लम्बा, चौड़ा।
2. संख्यावाचक विशेषण – जवना विशेषण से निशचित भा अनिश्चित संख्या के बोध होखे, ओकरा के संख्या वाचक विशेषण कहल जाला।
जइसे (क) निश्चित संख्या वाचक- दू, तीन, चार (ख) अनिश्चित संख्या वाचक- कुछ
3. परिमाण वाचक विशेषण – जवना विशेषण से, नाप भा तऊल के बोध होखे, ओकरा के परिमाण वाचक विशेषण कहल जाला। जइसे- थोड़का, बहुत, कम, एतना, केतना।
4. सार्वनामिक विशेषण – जवन सर्वनाम के विशेषण रूप में प्रयोग कइल जाला ओकरा के सार्वनामिक विशेषण कहल जाला। जइसे- इ, उ, का, कवन।
5. संबंध बोधक विशेषण – जवन विशेषण कवनो वस्तु के विशेषता बतावे, भा दोसरा वस्तु के संबंध के बारे में बतावे, ओकरा के संबंधबोधक विशेषण कहल जाला। जइसे- घरेलू, बाहरी।
विराम चिन्ह
वाक्य भा वाक्य के सही-सही समझे खातिर विरामचिन्ह बहुत जरूरी है, ओकरा बिना वाक्य के अर्थ अधूरा भा भ्रामक हो जाला। एकरा बारे में जानकारी दिहल जा रहल बा
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- अल्प विराम-चिन्ह … (,)
- पूर्ण विराम-चिन्ह … (।)
- प्रश्न वाचक-चिन्ह … (?)
- विस्मयादि बोधक-चिन्ह … (!)
- संयोजक-चिन्ह … (-)
1. अल्प विराम चिन्ह –एकर अर्थ होला थोड़ा देर खातिर ढहाराव। एकर प्रयोग- पर, परन्तु, लेकिन, मगर शब्द के लगे होला।
2. पूर्ण विराम चिन्ह – एकर अर्थ होला पूरा ठहराव, वाक्य के समाप्ति पर एह चिन्ह के प्रयोग होला। जइसे- राम पढ़त बाड़े, राधा गावेली।
3. प्रश्न वाचक चिन्ह – एह चिन्ह के प्रयोग प्रश्नवाचक वाक्य में होला। जइसे- राउर नाँव का है ?
4. विस्मयादी बोधक – एकर प्रयोग हँसी, दु:ख, विषाद, घृणा, करूणा के भाव व्यक्त करे में होला। जइसे- आह ! साँप मरा गइल।
5. संयोजक चिन्ह – एह चिन्ह के प्रयोग निचे लिखल अवस्था में होला।
जइसे
(क) द्वन्द समास में- माई-बाप, भाई-बहिन। (ख) विपरीतार्थक शब्द में- नीमन-बाउर।—— अगिला भाग जल्दिये आयी, इंतजार करी सभे ——
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