हरेश्वर राय जी के लिखल कइसे मनावल जाई फगुआ देवारी
रोवतारे बाबू माई
पुका फारि फारी,
बए क के कीन लेहलस
पपुआ सफारी।
साल भर के खरची बरची
कहवाँ से आई,
चाउर चबेनी के
कइसे कुटाई,
कइसे लगावल जाई
खिड़की केवारी।
छठ...
जगदीश खेतान जी के लिखल भोजपुरी कविता कबले होब फेल
बबुआ तू कबले होब फेल?
का कहीं बहुत तोहका झेललीं,
अब हम ना पाईब तोहें झेल।
कइसे पढबऽ कबले पढब्ऽ।
का-का पढबऽ ई समझा दऽ
डागडर बनब कि...
जगदीश खेतान जी के लिखल भोजपुरी कहानी आंख
प्रयाग विश्वविदयालय यूनियन पत्रिका 1962 मे हिंदी मे प्रकाशित कहानी का भोजपुरी अनुवाद।।
हम येगो आन्हर मंगन हईं जे आपन पेट जियावे खातीर...
कन्हैया प्रसाद तिवारी रसिक जी के लिखल भोजपुरी कहानी लोहा बाबा
ए लोहा बाबा काल्ह सुमितरी खातिर लइका देखे जायेके बा रउआ चलेम नु रामदेयाल कहलन। लोहा बाबा कान पो जनेव चढ़वले लोटा लेके खेत...
कन्हैया प्रसाद रसिक जी के लिखल भोजपुरी कहानी लोचन
तरूण के शादी कइला दु साल हो गइल बाकि अबहीं कवनो फर फूल ना लागल बा एह से उनकर माई मन ही मन उदास...
जगदीश खेतान जी के लिखल सरस्वती बंदना
कई देतीं हमरो उद्धार ये सुरसती माई।
रोई रोई करीलां मनुहार ये सुरसती माई।
रउवा रामबोला के तुलसीदास बनवलीं
अमर ग्रन्थ रामचरित मानस लिखवइलीं
निपट गंवारे के कालीदास...
जगदीश खेतान जी के लिखल भोजपुरी हास्य कहानी आंख के आन्हर
ई सन 1971 के बात ह।पाकिस्तान आ भारत मे लड़ाई शुरु हो गईल रहे।पूरा देश मे येगो उत्साह छा गईल रहे।हर जगह येही के...
हरेश्वर राय जी के लिखल तीन गो भोजपुरी गीत
मन उदास बा
सुक्खल नदी जस
मन उदास बा ।
चाँद जस आस में
लागल बा गरहन,
सपना के पाँखी प
घाव भइल बड़हन,
डेगे डेग पसरल
खाली पियास बा।
आँखी के बागी...
जयशंकर प्रसाद द्विवेदी जी के लिखल भोजपुरी गीत देवता
नाहीं उठेला जिनिगिया के भार देवता ।
जोरिहा हमसे पिरितिया के तार देवता ॥
नइहर छूटल, छूटल सासु के दुवारिया
कतहूँ न इंजोर लउके सगरों अन्हरिया
बाझल जिनगी...
भोजपुरी गीत पुरुवा बेयारवा हो राम आइल बा घर से
पुरुवा बेयारवा हो राम आइल बा घर से
मनवा हो उखरल लागे अब त शहर से
माई के आशिष लेले मेहरी के बाच बायन
मनवा कचोटत काहे...
जलज कुमार अनुपम जी के लिखल भोजपुरी कविता होरहा
बड़का मछरी छोटका के खाला
इ नियति के भइया बनल बिधान ह
जात पात के उलझन हरदम सुलझल
सबकेहु जानेला जग मे करम...
जगदीश खेतान जी के लिखल भोजपुरी कविता हमहूं लूटीं तेहू लूट
हमहूं लूटीं तेहू लूट।
दूनो पहिने मंहग सूट।
उपर वाले के भी खियाव।
अपने पीअ आ उनके पियाव।
अईसे जो कईले जईब त
रिश्ता हरदम रही अटूट।
हमहूं लूटीं तेहू...
कुमार विनय पांडेय जी के लिखल माई के करजा
नान्ह-नान्ह हाथ-गोड नान्हही देहिया,
दिन-दिन बढल जाला तोहरो उमीरिया।
घर भर करे तोहसे बहुत सनेहिया,
नजर ना लागो माई-बाबूजी के कीरिया।।
बाटे ना सहुर तहरा उठे-बैठे, बोले के,
तवनो...
जगदीश खेतान जी के लिखल मोबाइल महिमा
नया खेलवना आईल बा।
येकर नाम मोबाइल बा।
बजता खेते खरीहाने मे।
बाग बगईचा सीवाने मे।
बजता होटल मयखाने मे।
आफिस मे आ जेलखाने मे।
येकर अइसन नसा चढल बा
येही...
डॉ राधेश्याम केसरी जी के लिखल भोजपुरी कविता सावन-सिसक गइल बा
ढहल दलानी अब त सउँसे,
पुरवइया क झांटा मारे,
सनसनात ठंढा झोका से,
देहिया काँप गइल बा।
मेजुका-रेवां गली- गली में,
झेंगुर छोड़े मिठकी तान,
रोब गांठ के अँगनैया में,
डेरा...
धनंजय तिवारी जी के लिखल भोजपुरी कहानी ट्रैन
ठीक रात के नौ बजत रहे जब रजत स्टेशन पहुँचले। उनका जवन ट्रैन पकडे रहे उ सामन्यतः समय से ही आवे। माइक पर ट्रैन...
डाॅ पवन कुमार जी के लिखल भोजपुरी गीत इहे बा जिनिगिया
हमनी किसनवन के इहे बा जिनिगिया
इहे बा जिनिगिया हो ना ।
जाड़ घाम बरखा सहि-सहि दिन रतिया
खूनवा जराइके कराइले नू खेतिया
आसरा लगाइके...
प्रिंस रितुराज दुबे जी के लिखल भोजपुरी कविता मोदी आईनी काशी
मोदी आईनी काशी
हई उहा कS भारत बासी
भारत के मिलता पहचान अब
कशी बनता भारत के शान अब
कशी करे निहोरा अब
भोजपुरी के सम्मान करS पूरा
देश बिदेश...
संतोष पटेल जी के लिखल भोजपुरी कविता किसान के पिसान
आजू भारत के राजनीति में
एक्के गो चरित्र रह गइल बा
किसान
किसान हो के / उ / हो गइल बा
एगो सीढ़ी सत्ता...
प्रिंस रितुराज दुबे जी के लिखल भोजपुरी कविता नायका बरिस
नायका बरिस लेके आईल बहार हो
नाया नाया होई हजार धमाल हो |
मन के भीतरिया ख़ुशी के उमंग
आकाश में चमके सतरंगी पतंग |
दईब करस कुछु...