भोजपुरी साहित्य

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जगदीश खेतान जी

जगदीश खेतान जी के लिखल भोजपुरी कहानी का हमके कुक्कूर कटले बा

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इ सन् 1960 के बात ह। तब हम बनारस पढत रहलीं। वो दिन हम अपने कमरा मे पढले मे तल्लीन रहलीं कि तबले हमके...
विमल कुमार जी

विमल कुमार जी के लिखल माई मोम होली

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अपने चाहे अन्हारा रहस, सभका के अंजोर करऽली। आपन तन गला गला के, सभकर दुख हरऽली । माई ममता के मूरत होली , ना...
डॉ. हरेश्वर राय जी

हरेश्वर राय जी के लिखल लूटीं लूट मचल बा

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लूटीं लूट मचल बा सगरो लूटीं लूट मचल बा। बाढ़ लूटीं, सूखा लूटीं राहत के लूटीं मिठाई, भूख लूटीं, पियास लूटीं लूटीं थोड़की महंगाई। वोट लूटीं, नोट लूटीं लूटीं चकाचक नारा, रैली...
विमल कुमार जी

विमल कुमार जी के लिखल छठी मईया सुखवा कबले भेंटी

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बोझिल मन भारी दिल से करिला बरतिया, सास ससुर सवांग मिलल ना कवनों गतीया, बड़ी शारधा से करिला तोहरो भगतिया फेरि दऽ ना छठी माई...
छठ के गीत

कन्हैया प्रसाद रसिक जी के लिखल छठ के गीत

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तन बा बिदेश मन गाँवे बा ए माई रहि रहि याद आवे छठ के पुजाई ।। उखिया शरीफा फल दउरा लेके माथे चलल रहि रहि याद आवे...
विमल कुमार जी

विमल कुमार जी के लिखल शहर काहे गइलऽ भईया

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शहर काहे गइलऽ भईया अपना गईंआ के बिसरईलऽ, माई बाबु के भुलइलऽ । लवटि के ना अइला भईया, शहर काहे गइलऽ भईया ।। चाहे ...
विमल कुमार जी

विमल कुमार जी के लिखल चिपकाउ बिकाउ नेता

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कुरसी में चिपकाउ भइले नेता सभ बिकाउ भइले। कुरसी के तोल मोल करेले गुना भाग खूब जोड़ करेले। जितला प उ ताल ठोकले जनता के देख नाक...
लाल बिहारी लाल जी

लाल बिहारी लाल जी के लिखल भोजपुरी गीत दीया खुशी के जलाव

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घरे-घर खुशियां मनाव, दीया खुशी के जलाव घरे-घर खुशियां मनाव, बात अब ई फइलाव धरा बचावे खातिर बबुआ, अब त तूआगे आव अब ना छोड़ बम पटाखा,...
कहाँ गइल आँगन अंगनईया

विमल कुमार जी के लिखल कहाँ गइल आँगन अंगनईया

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सभे चाहे एकल परिवार संयुक्त परिवार दिल में दरार दुआरा के भइल बंटाधार देख के हमरा होखला मलाल सुनर दुआरा केहु ना खिवैया कहाँ गइल आँगन...
कन्हैया प्रसाद तिवारी रसिक जी

कन्हैया प्रसाद रसिक जी के लिखल भोजपुरी गीत जिनिगी

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जिनिगी जंग ना ह जे जीतल जाव जिन्दगी पतंग ना ह जे खिंचल जाव जिनिगी त दरिया के बहत पानी ह एह से सुनर समाज के सिंचल...
कन्हैया प्रसाद तिवारी रसिक जी

कन्हैया प्रसाद रसिक जी के लिखल पुर्वी भोजपुरी गीत

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लागल बा करेजवा में, बोलिया के बान शान कइसे रही अखड़ेरे होता जिनिगी जियान शान कइसे रही रोज रोज ओज क के बोलत रह बतिया आज केकरा फेरा...

विमल कुमार जी के लिखल तब देहिया पीर

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जब नेह के रोग देह में घुसे तब देहिया पीर से पिरा जाला, परेम के सिवा तब कुछु ना सूझे कुछु कहला पो कुछुओ सुना जाला। जब नेह...
जयशंकर प्रसाद द्विवेदी

जयशंकर प्रसाद द्विवेदी जी के लिखल भोजपुरी गीत कवन नजीर देहलु गोरिया

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हहरे मोरे हियरा के पीर करेजवा चीर देहलु गोरिया । काँपे लागल सभके जमीर कवन नजीर देहलु गोरिया । गउवाँ के घरवा न लगे मनसायन ढ़ोल मजीरा भूलल, भूलल...
कन्हैया प्रसाद तिवारी रसिक जी

कन्हैया प्रसाद रसिक जी के लिखल शऊर

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जबान कीमती बा तउल के बोलऽ सोच समझ के आपन मुँह खोलऽ लोग का से का समझ लेता , बिना कुछ समझवले बात के अर्थ निकाल लेता...
डॉ. हरेश्वर राय जी

डॉ. हरेश्वर राय जी के लिखल बेटी बिना जियल अपमान लागेला

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जइसे चंदा बिना सून आसमान लागेला ओइसे बेटी बिना जीवन सुनसान लागेला । बेटी देबी, बेटी दुरगा, बेटी कालीमाई मीरा, सीता, गीता बेटी, बेटी लछमीबाई, जइसे गुड़ बिना...
डॉ. हरेश्वर राय जी

डॉ. हरेश्वर राय जी के लिखल भजो रे मन हरे हरे

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नियरे बा फेन से चुनाव भजो रे मन हरे हरे । कौअन के होइ काँव काँव भजो रे मन हरे हरे॥ पाँच साल पर साजन अइहें गेंदा फूल गले...
बोलिया पपीहरा के: गुड़िया पाण्डेय

बोलिया पपीहरा के

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सुने खातिर बोलिया पपीहरा के हो बालम लेई चल$ गाँव में,निमिया के छाव में... सुने खातिर बोलिया कोइलिया के हो बालम लेई चल$ गाँव में,निमिया...
कन्हैया प्रसाद तिवारी रसिक जी

कन्हैया प्रसाद रसिक जी के लिखल भोजपुरी कहानी संस्कार

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जब बिरिधा आश्रम से सनेस मिलल कि बाबूजी के दुनो किडनी खराब हो गइल बा आ तोहार भाई अनुराग से कवनो संपर्क नइखे होखत...
डॉ. हरेश्वर राय जी

डॉ. हरेश्वर राय जी के लिखल भोजपुरी कविता आवले बोलता नयका बिहान

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हर के कलम से धरती के कागज प पसीना के सियाही से जीवन उकेरे ला किसान बाकिर ओकरे घटल रहता चाउर पिसान। ओकरे पसीना अतना सस्ता काहे बा ओकरे हालत अतना खस्ता काहे...
अइसन करिह जनि नादानी के लेखक डॉ. हरेश्वर राय जी

डॉ. हरेश्वर राय जी के लिखल अइसन करिह जनि नादानी

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गउआँ छोड़ि शहर जनि जइह होइ ख़तम निशानी जवानी खपि जाइ बचवा, अइसन करिह जनि नादानी जवानी खपि जाइ बचवा I खेत छुटि खरिहान छुटि आ छूटिहें बाबू माई, अंगना दुअरा...