भोजपुरी साहित्य

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कवि ह्रदयानन्द विशाल जी

कवि ह्रदयानन्द विशाल जी के लिखल कुछ कविता

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चिरुआ भर पानी मे डुब मरऽ माई के माई काहला के कीमत शुध बेयाज सहीते अशुले लगलअ दुध के धोवल तुहुँ नइखअ कवना घमंडे फुले लगलअ तहरे उपर नाज...
कवि ह्रदयानन्द विशाल जी

कवि ह्रदयानन्द विशाल जी के लिखल कविता फटक के लऽ फटक के दऽ

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बोलत नइखीं त बुझतारअ की सबसे लमहर घाँक बा ताहरा कवनो गरजे नइखे त हामरा कवन ताक बा काम निकल जाला तहिये से गिरगिट नियन बदल जालअ राम राम सुनला...
राम प्रकाश तिवारी 'ठेठबिहारी'

राम प्रकाश तिवारी जी के लिखल कुछु लिखीं बाकिर भोजपुरी लिखीं

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तुलसी के राम लिखीं चाहे कबीरा के गान लिखीं सूर के श्याम लिखीं, बुद्ध के ज्ञान लिखीं चाहे महावीर के नाम लिखीं कुछु लिखीं बाकिर भोजपुरी लिखीं। आरा,बलियां, छपरा चाहे...
राम प्रकाश तिवारी 'ठेठबिहारी'

राम प्रकाश तिवारी जी के लिखल पाकिस्तान नाहीं बदली

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सुरुज उगीहें पछिम से चाहे चंद्रमा दिन में निकली चाहे गंगा बहीएं उल्टा आ चाहे धरती आपन धूरी बदली, सब केहु बदली बाकिर चाहे कुछो हो जाव पाकिस्तान नाहीं बदली कतनो...
राम प्रकाश तिवारी 'ठेठबिहारी'

राम प्रकाश तिवारी जी के लिखल काँवर गीत जय भोले शंकर

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चढ़ते सावन लागे मनवा झुमे जईसे झुमे बन में कवनो मोर चल रे मन भोले के नगरीया चढावल जाई गंगा जी के पनीया भरी भरी गगरीया हो, बाबा...
विमल कुमार जी

विमल कुमार जी के लिखल भोजपुरी लघु कथा एक लोटा पानी

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रामदीन थाकल मांदल आँफिस से अपना घरे आवते बड़ी जोर-जोर से आवाज लगइले। बेटा सुनत बाड़$ बड़ी जोर से पिआस लागल बा जलदी से...
देवेन्द्र कुमार राय जी

देवेन्द्र कुमार राय जी के लिखल भोजपुरी कविता कईसन बिधना के रीत आ कहां...

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कईसन बिधना के रीत समय अईसने बा बहकि जाला केहु, तनीए सा मिलते सहकि जाला केहु। चाहला प तनिको मिलल ना जवन, छनही में काहे बमकि जाला केहु। बिधना...
कवि ह्रदयानन्द विशाल जी

माई आ कागावा प कवि ह्रदयानन्द विशाल जी के लिखल दू गो भोजपुरी गीत

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माई तु कवन कवन दुख झेललु, माई के गुन गावत कवि ह्रदयानन्द विशाल जी ताहार नेकी नाही भुलाईब गुनवा जियब तबले गाईब हमके दुनिया देखलवलु लालटेन से जिनगी...
कवि ह्रदयानन्द विशाल जी

कवि ह्रदयानन्द विशाल जी के लिखल कविता भाँसा बोलीं भोजपुरिये

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माई भाँसा के कदर करीं ए भइया आ जहाँ कहीं रही लेकिन भाँसा बोलीं भोजपुरिये एहि प लिखल कवि ह्रदयानन्द विशाल जी के कविता...
कवि ह्रदयानन्द विशाल जी

ताड़ी पऽ कवि ह्रदयानन्द विशाल जी के लिखल एगो भोजपुरी गाना

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चाहें होखे हाड़ा चाहें होखे हाड़ी लियाव रे पसिया लबनी मे ताड़ी ताड़ी मे जनेव डुबल ताड़िये मे माला तरकुल के पेंड़ तर खुलल बा पाठशाला ताड़ी खातिर साधु लो मुड़ावता मोछ दाढ़ी लियाव..... ता...
कवि ह्रदयानन्द विशाल जी

कवि ह्रदयानन्द विशाल जी लिखल कुछ भोजपुरी गीत

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हम भोजपुरीया हमार जान भोजपुरी भइया हम बोलिले निछान भोजपुरी हम.... माई भाँसा बसल बिया हमरा नस नस मे बोलला पर भिन जाले अमरित रस मे सभके करावे अमरित पान भोजपुरी हम.... आपन माटी आपन थाती आपन...
देवेन्द्र कुमार राय जी

देवेन्द्र कुमार राय जी के लिखल सोहर

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सोरठी तर्ज पर देवेन्द्र कुमार राय जी के लिखल सोहर मोरा पिछुअरिया सीरीसिया के गंछिया, सीरीसिया के गंछिया हो, ताहि पर बोले बनमोर नु ए राम। होत भिनुसरवा...
अभियंता सौरभ भोजपुरिया जी

अभियंता सौरभ भोजपुरिया जी के लिखल हास्य् लेख खैनी

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ए जी का खैनी की ना मुह भरल ना पेट जी हा खैनी जवना के सुरती भी कहल जाला बड़ी कमाल के गुण होला एकरा...
देवेन्द्र कुमार राय जी

देवेन्द्र कुमार राय जी के लिखल भोजपुरी बचावे के परी

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लंगटा ह लंगटे रही लंगटे ई गाई माई बहिन के ई अपने गरिआई, अपना के बुझेला बड़का गवईया बेटी बहिन के ई मंच प लुटाई। इजत के बेंच...
विनोद भोजपुरीया जी

विनोद भोजपुरीया जी के लिखल एगो भोजपुरी कविता

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जिनगी के सपना सगहि सजावेली।। दिनभर हसेली हमके हॉसावेली ।। होखेला हमनी भले तकरार हो ।। हमार बेलना वाली हमरे से करेली प्यार हो।। भुखाइल -पियासल जब घरवा...
विनोद भोजपुरीया जी

विनोद भोजपुरीया जी के लिखल सरस्वती वन्दना

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दे देतू अतने हमरा के वरदान ऐ मईया । ई जगवा में देतू हमरो पहिचान ऐ मईया ।। हमहु चिन्हल जाइती अपने नाव से । मन शीतल...
देवेन्द्र कुमार राय जी

देवेन्द्र कुमार राय जी के लिखल कुछ भोजपुरी कविता

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मुरारी कहां भेंटईहें भरल बाडे़ दुशासन सगरो चीर कहां से अईहें, करीं अरज कर जोडि़ के मुरारी कहां भेंटीहें। डेगे डेगे चीर खींचाता द्रौपदी के लाज के, भीष्म बनि देखतरुए ई दुनिया...
विवेक सिंह जी

विवेक सिंह जी के लिखल भोजपुरी लघुकथा रहमत के रमजान

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ज्येष्ठ के आधा महीना बीतला के बाद रमजान के पहिलका अज़ान भइल।अभी ब्रम्हबेला के सुरुआत होत रहे. सब कोई अपना अपना छत पे सुतल...
अभियंता सौरभ भोजपुरिया जी

सौरभ कुमार जी के लिखल भोजपुरी कविता तोहार शहर से अच्छा मोरा गाँव

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तोहार शहर से अच्छा मोरा गाँव $$$ तोहर शहर से अच्छा मोरा गांव $$ बा कुईया के ठंढा पानी 2 अउर पिपरा के छाव बा तोहार शहर...
देवेन्द्र कुमार राय जी

देवेन्द्र कुमार राय जी के लिखल भोजपुरी कविता हम भोजपुरीया

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दुखवा कलेसवा में हिमत ना हारीला, सुखवा में कबो ना धाधाईं भोजपुरीया। सभके हो सुख चैन इहे हम मनाईला, दोसरा के दुख के संघाती भोजपुरीया। महला दुमहला के...