आर.एन. एंटरप्राईजेज के बैनर तले बनी भोजपुरी फिल्म “गोरिया के गोरे गोरे गाल” का मुंबई के शालीमार एवं अन्य सिनेमा घरों में भव्य प्रदर्शन हुआ।
इस फिल्म के निर्माता रवि शंकर तिवारी, लेखक-निर्देशक एस.एस. ललित, संगीतकार राजेश ललित व विनोद ग्वार, गीतकार बिपिन बहार, रास बिहारी पाण्डे और एस.एस. ललित हैं।
इस फिल्म के संवाद ललित शुक्ला और पटकथा एस.एस. ललित और रास बिहारी पाण्डे ने लिखी है। इस फिल्म के कैमरामैन अरुण मिश्रा, कोरियोग्राफर, ज्ञान सिंह, एक्शन मास्टर रियाज सुल्तान, आर्ट डायरेक्टर सुनील झा, सह-निर्माता सुमन कुमार मेहता तथा कार्यकारी निर्देशक सावन वर्मा हैं।
इस फिल्म की कहानी इस प्रकार है-रामनाथ सिंह एक बड़े व्यापारी हैं, जिनकी बेटी है रमा। जो अपने बा पके कारोबार में मदद करती है। रामनाथ सिंह को दौलत के साथ-साथ अपने डॉगी टोनी से बहुत प्यार है। रामनाथ के आफिस में अजय और नंदलाल सेल्समैन का काम करते हैं।
अजय थोड़ा सीधा सादा है जबकि नंदलाल चालू किस्म का युवक है और रामनाथ की बेटी रमा से प्यार करता है। रमा भी नंदलाल से प्यार करती है। उधर अजय भी रमा से मन ही मन प्यार करता है, लेकिन प्यार का इज़हार नहीं कर पाता। आफिस में बॉस की सेक्रेटरी मोना है, जिसके कई यार हैं। मोना को किसी कारण से बाॅस नौकरी से निकाल देते हैं। एक बार रमा, अजय को घर बुलाती है। अजय खुश है कि इसी बहाने रमा के करीब जाने का मौका मिलेगा। लेकिन घर जाने पर किसी और काम में बाॅस लगा देता है।
मोना भी अपने यारों के साथ बॉस के घर में नौकरी में वापस लेने का आग्रह करती है। वक्त के साथ साथ बंगले में कई घटनायें घटती रहती हैं। रमा भी नंदलाल के धोखा व चालूपन को समझ जाती है और अपने प्रयासों से अजय, रमा को हासिल कर लेता है।
इस फिल्म में जबरजस्त रोमांस के साथ-साथ एक्शन और हास्य का भी समावेश है। इस फिल्म का सबसे मजबूत पक्ष फिल्म का संगीत है। “गोरकी पतरकी रे…” से चर्चा में आये फिल्म के नायक उदय तिवारी और कई सफल फिल्मों में काम कर चुकी फिल्म की नायिका लवी रोहतगी ने बेहतरीन काम किया है।
फिल्म में इनकी रोमांटिक जोड़ी को खूब सराहा जा रहा है। फिल्म के अन्य कलाकारों में रवि शंकर तिवारी, लिलीपुट, रितु पाण्डे, राज मेहता, मोनिका वर्मा, रमेश गोयल, नीरज बादशाह ने अच्छा काम किया है।