सिने अभिनेता रवि किशन ने कहा कि भोजपुरी फिल्मों को अश्लीलता के घेरे से मुक्त करने का समय आ गया है। अब भोजपुरी फिल्मों में पारिवारिक, सामाजिक ताने बाने को खूबसूरती के साथ पेश किया जा रहा है। इसलिए दर्शक भोजपुरी फिल्में देखने के लिए सिनेमा हॉल की ओर उमड़ने लगे हैं। रवि किशन अपनी फिल्म धुरंधर के प्रोमोशन के सिलिसिले में राजधानी आए हैं। फिल्म की अभिनेत्री संगीता तिवारी, अवधेश मिश्र और निर्माता दीपक तिवारी सहित यूनिट के अन्य सदस्यों पहुंचे। रवि किशन ने कहा कि भोजपुरी गाने में सी ग्रेड के अलबमों की भरमार हो गई है। इस कारण भोजपुरी फिल्मों के प्रति दर्शकों का रुझान थोड़ा कम जरूर हुआ , लेकिन अब फिर से भोजपुरी फिल्मों की दुनिया अपने पूरे सबाब पर आ रही है। उन्होंने दर्शकों से कहा कि वे द्विअर्थी गानों से परहेज करें, उसके बाद न तो ऐसे गाने लिखे जाएंगे और न ही वैसी फिल्में बनेंगीं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बिहार की धरती कलाकारों की धरती रही है। अपनी फिल्म की बाबत उन्होंने कहा कि फिल्म में एक्शन, इमोशन, दोस्ती, कॉमेडी के साथ सामजिक एवं राजनीतिक जीवन को एक साथ पिरोया गया है। फिल्म की कहानी राजनीति की सच्चाई को उजागर करती है। एक मासूम छात्र के इर्द गिर्द घूमती कहानी पूरे समय दर्शकों को बांधे रखेगी। फिल्म देखने के बाद दर्शक बेहद अच्छे मूड में हॉल से बाहर आएंगे। फिल्म की हिरोइन संगीता तिवारी ने कहा कि यह बात सही है कि भोजपुरी फिल्मों के जरिये हिंदी फिल्मों का रास्ता तैयार होता है लेकिन भोजपुरी फिल्मों की मिठास का अपना अलग ही अंदाज है। भोजपुरी फिल्मों का बड़ा दर्शक वर्ग है। उन्हें हिंदी फिल्म का ऑफर भी मिला है। फिल्म जल्द ही फ्लोर पर आएगी। उन्होंन धुरंधर के डायलॉग ना एको चिट्ठी भेजल . ना एको संदेश दोहराते हुए कहा कि यही तो है भोजपुरी का माधुर्य।