अँखियन के आकाश
सूना हो गइल |
सब तारा भइलन स खेत
सपना सब भइलन स रेत
पंखियन के परिहास
चूना हो गइल |
खेतवन प पाला पड़ल
पेटवन प भाला गड़ल
ख़ुशीयन के बनवास
दूना हो गइल |
बंसवारी के शामत आइल
फुलवारी प आफत आइल
कलियन के खरवांस
चौगुना हो गइल |
फेंड़ छोड़ के भगले तोंता
उजड़ गइल बा उनकर खोंता
डलियन के संत्रास
सौगुना हो गइल |