धरती के त नाप ही लेहम,
गोड़ बढ़ावल बाकी बा।
आपन वसुधा के आगे ई,
दुनिया झुकावल बाकी बा।
गर ना होखे विश्वास अगर त,
सुन ल ए दुनिया वालन।
धरती त इ धरती बा,
अम्बर के हिलावल बाकी बा।
आपन भोजपुरी भाषा के अब,
दुनिया के बतावल बाकी बा।
इ बन जाई जन-जन के भाषा,
सम्मान सहित शीर्ष प बइठावल बाकी बा॥
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जिन्दगी अब हो गईल अमावश के रात बा ।
नूर ए मंजिल खो गईल रास्ता अंजान बा ।।
जिन्दगी अब आवारा गर्दा बन के उड़ गईल ।
कुछ कदम के साथ से तहरो अहसान बा ।।