भोजपुरी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल किये जाने का मुद्दा संसद में

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नई दिल्ली। यूपी पूर्वांचल सहित तमाम अन्य जगहों पर बोली जाने वाली भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसुची में शामिल किये जानी की मांग तेज हो गयी है। भाजपा सांसद मनोज तिवारी और संजय कुमार जायसवाल ने सरकार से इस बाबत कदम उठाने की मांग की है। संसद में आज शून्यकाल के दौरान मनोज तिवारी और संजय जायसवाल ने भोजपुरी को संविधान की आठवी अनुसुची में जल्द से जल्द शामिल किये जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से इसे आठवीं अनुसूची में शामिल किये जाने की मांग हो रही है।

संजय जायसवाल ने भोजपुरी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किये जाने के लिए आठ अगस्त से दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन करने का भी ऐलान किया। उन्होंने कहा कि 14वीं लोकसभा में भी यह आश्वासन दिया गया था कि भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाएगा लेकिन ऐसा आजतक नहीं किया गया। भोजपुरी भाषा के समर्थन में जायसवाल ने कहा कि नेपाल के प्रधानमंत्री ने भोजपुरी भाषा में शपथ ग्रहण की थी, मारीशस में भी बड़ी संख्या में लोग भोजपुरी भाषा बोलते हैं। ऐसे में जब करोड़ों लोग भारत में भोजपुरी बोलते हैं तो इसे क्यों नहीं आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाता है। जायसवाल ने गृहमंत्री से निवेदन करते हुए कहा कि हमारी उनसे अपील है कि आम बोलचाल की भाषा बन चुकी भोजपुरी भाषा को जल्द ही आठवीं अनुसूची में वह शामिल करायें । इस असर पर भोजपुरी फिल्मो के प्रशिद फिल्म प्रचारक संजय भूषण पटियाला ने बताया की मैं भी मुम्बई के उन सभी भोजपुरी कलाकारों से अपील करता हूँ की आठ अगस्त से दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना पर अपनी उपस्थिति बनाए जिससे भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवी अनुसुची शामिल किया जा सके।

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