Tag: हमहूं लूटीं तेहू लूट
जगदीश खेतान जी के लिखल भोजपुरी कविता हमहूं लूटीं तेहू लूट
हमहूं लूटीं तेहू लूट।
दूनो पहिने मंहग सूट।
उपर वाले के भी खियाव।
अपने पीअ आ उनके पियाव।
अईसे जो कईले जईब त
रिश्ता हरदम रही अटूट।
हमहूं लूटीं तेहू...