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दूल्हा के परछावन | भोजपुरी कहानी | तारकेश्वर राय “तारक”

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परनाम ! स्वागत बा राउर जोगीरा डॉट कॉम प, आयीं पढ़ल जाव तारकेश्वर राय जी के लिखल भोजपुरी कहानी दूल्हा के परछावन, रउवा सब...

बिहार दिवस : पुरनका गरिमा आ प्रतिष्ठा कब मिली

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बिहार दिवस, आजुये के दिन 22 March 1912 में बंगाल से बिहार अलगा भइल रहे आ एगो नाव राज्य के दर्जा मिलल रहे ।...

गोधना पऽ तारकेश्वर राय जी के लिखल आलेख

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दिया दियारी के दुसरका दिन गोधना के परब मनावेला भोजपुरीया समाज । अपना जीनिगी के खुशहाल आ घर परिवार के उन्नति ख़ातिर पलायन एगो...

तारकेश्वर राय जी के लिखल तू कलाकार बिघना, हमहू कलाकार

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कलाकारी से हमरा नियर इंसान तू गढ़ल | इंसान के गढ़ गढ़ तू सृष्टि में आगे बढ़ल || बिघना के इ कलाकारी देखी | नर मादा के...

माई क इज्जत

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बोले वाला भोजपुरी हई | ई बोली गर के माला ह || नेह से बोलब त पूड़ी मिठाई | फूहड़ गवईया खातिर भाला ह || जनमते सुनली इहे...

नेताजी क होली

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रंगवा बदले में माहिर रउवा | रंगदारी में तू बड़ा गहिर हउवा || देसवा के लुटे में लागल बानी | बुड़ा के वादा आली नईया, भागल बानी...

दहेज प लिखल तारकेश्वर राय जी के दू गो कविता

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दहेज बाप देखीं बेटा के, बोली लगवले बा | देवे वाला ख़ुशी से, गर्दन झुकवले बा || मोल भाव होता, देखीं सपना के || शान से बेचता, केहू...

तारकेश्वर राय जी के लिखल भोजपुरी कविता फगुवा ह फगुवा

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पुरनकी पतईया, फेड़वा गिरावे | जइसे गिरहथ, कवनो खेतवा निरावे || नईकी पतइया बदे, जगहा बनावे | जायेके बा एक दिन, इहे समझावे || चईती फसलिया बा, गदराइल...

तारकेश्वर राय जी के लिखल तीन गो भोजपुरी कविता

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भोजपुरी कविता फैसन के हावा बहल बा अइसन, एगो पछिमा हावा | फार के कपड़ा, पहिरल जाता नावा || कपड़ा पहिरल जाला, तन ढ़ाके के | पहिरल जाता...

तारकेश्वर राय जी के लिखल भोजपुरी कविता सालो भर प त...

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घूमे आ बचवन के घुमावे आई रिश्ता आ नाता चिन्हावे आई ढेका जांत पीढ़ा आ मचिया एकरा के देखावे आई मम्मी पापा अंकल आ ऑन्टी , नाता एकरा सिवा...