भोजपुरी भाषा को संवैधानिक दर्जा दिलाने के लिए जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन सम्पन्न

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भारत सरकार द्वारा भोजपुरी भाषा को संविधान की आंठ्वीं अनुसूची में इस मानसून सत्र में भोजपुरी भाषा को मान्यता प्रदान करने हेतु पूर्वांचल एकता मंच(रजि), भोजपुरी जन जागरण अभियान, अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन, अखिल भारतीय भोजपुरी लेखक संघ व रंगश्री के तत्त्वावधान में एकदिवसीय विशाल धरना प्रदर्शन का आयोजन दिल्ली के जंतर मंतर पर 7 अगस्त, 2018 को 11 बजे से 3 बजे तक आयोजित किया गया । इसमें देश के अनेक भोजपुरी आन्दोलन से जुडी सारी छोटी-बड़ी संस्थाओं,संगठनों ने भाग लिया।

इस धरना प्रदर्शन में पश्चिमी दिल्ली के पूर्व सांसद श्री महाबल मिश्रा ने कहा कि मैंने दिल्ली विधानसभा का सदस्य रहते दिल्ली में मैथिली और भोजपुरी अकादमी के गठन, छठ पूजा की छुट्टी दिलाने में अहम भूमिका निभाई। साथ ही सांसद बनते ही भोजपुरी को संविधान की आंठवीं अनुसूची में शामिल करने हेतु संसद के लोकसभा में अनेकों बार आवाज बुलंद की। यूपीए 2 की सरकार में उन्होंने भोजपुरी के मान्यता हेतु महती प्रयास किया।

जंतर-मंतर पर आयोजित इस धरना में भोजपुरी भाषा, साहित्य, संस्कृति, नुक्कड़-नाटक, लोक गायन, कलाकार, रंगकर्मी विद्यालय व विश्वविध्यालयों से जुड़े लोग ने बड़ी संख्या में भाग लिया।

इस अवसर पर पूर्वांचल एकता मंच के अध्यक्ष श्री शिव जी सिंह ने इस धरना प्रदर्शन के बारे में बतलाया कि सरकार विगत 4 वर्षों से आश्वासन दे रही है पर हमारी मांग को अनसुना किया जाता रहा है आखिर 25 करोड़ भोजपुरी भाषियों के भावना से खिलवाड़ कब तक होता रहेगा। सरकार हमारी बात नहीं मानेगी तब एक विशाल जन आंदोलन शुरू किया जाएगा। मानसूत्र सत्र में सरकार के इस दिशा में उठाये जाने वाले कदम का इंतज़ार है।

भोजपुरी जन जागरण अभियान के अध्यक्ष सन्तोष पटेल ने कहा कि सरकार पिछले सत्र में भी इस मुद्दे पर गोल मोल बहाना बना कर निकल गई। एक अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की भाषा को अपने ही देश संविधानिक मान्यता हेतु और कितना इंतजार करना होगा? सरकार को इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करने के लिए इस धरना का आयोजन किया गया है।

पूर्वांचल एकता मंच के ओर से संरक्षक श्री एसपी सिंह, संयोजक श्री मुकेश सिंह , एस एन सिंह, तपन झा, विपुल मिश्रा व संतोष वर्मा आदि पदाधिकारियों ने अपनी बात रखी । भोजपुरी जन जागरण अभियान के ओर से श्री जनार्दन सिंह, श्री धनञ्जय सिंह, मनोज सिंह ,प्रवीण सिंह, विकास सिंह पिंटू, अनुज तिवारी, कुमुद पटेल, अभिषेक भोजपुरिया, धुव्र कुशवाहा,डॉ राजेश मांझी, नवल किशोर सिंह निशांत आदि ने सरकार से इस बाबत माँग की।

रंगश्री संस्था के प्रमुख सुप्रसिद्ध नाट्यकर्मी श्री महेंद्र प्रसाद सिंह ने भी केंद्रीय सरकार से भोजपुरी को संविधान की आंठवी अनुसूची में शामिल करने का अनुरोध किया।
लाल कला मंच से लाल बिहारी लाल ने भाग लिया।

11 बजे से 3 बजे शाम पर चलने वाले इस धरना का समापन प्रधान मंत्री और गृह मंत्री, भारत सरकार को इस बाबत एक ज्ञापन सौपने के उपरांत हुआ जिसमे भोजपुरी को संवैधानिक मान्यता हेतु निवेदन किया जाएगा. ज्ञापन देने के लिए पूर्वांचल एकता मंच के संयोजक श्री मुकेश सिंह व भोजपुरी जन जागरण अभियान के देवेंद्र कुमार प्रधानमंत्री व गृह मंत्री कार्यालय गए।

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