अपनी अभिनय क्षमता, नृत्य कौशल के कारण भोजपुरी फिल्म जगत में अपनी एक अलग पहचान बना चुकी अक्षरा सिंह आज भोजपुरी के बड़ी बड़ी फिल्मो का हिस्सा तो है ही साथ ही छोटे परदे पर भी एक स्थापित अदाकारा का दर्ज़ा हासिल कर चुकी है . विरासत में मिली अभिनय के प्रति हमेशा सजग रहने वाली एक सम्पूर्ण अदाकारा अक्षरा सिंह से उनके फ़िल्मी सफ़र पर विस्तृत चर्चा हुई . प्रस्तुत है कुछ अंश –
आपके फ़िल्मी कैरियर की शुरुवात कैसे हुई ?
मैंने जब से होश संभाला अपने माता पिता को अभिनय करते पाया , पर मेर्री इच्छा कभी नहीं हुई की मैं भी अभिनय करूँ , हाँ पर नृत्य का शौख मुझे बचपन से ही था . स्कूल में मेरी पहचान मेरे नृत्य की वजह से ही होती थी . २०१० में अचानक मुझे निर्देशक बबलू सोनी की और से उनकी फिल्म सत्यमेव जयते का ऑफर आया . मैं कोई निर्णय लेने में खुद को असमर्थ पा रही थी , लेकिन दिल के कोने में कहीं न कहीं इस ऑफर को लेकर उत्सुकता थी की इस फिल्म में मुझे रवि किशन जैसे बड़े कलाकार के साथ काम करने का मौक़ा मिल रहा है . मेरे माता पिता से मैंने सलाह ली और हाँ कर दी . मेरी हामी के बाद मुझे रवि किशन से मिलवाया गया . उनकी स्वीकारोत्ति के बाद मुझे उनके साथ काम करने का मौक़ा मिल गया .
आपको पहली फिल्म से एक्टिंग के क्षेत्र में क्या अनुभव मिला ?
अभिनय की दुनिया ही कभी न पूर्ण होने वाली दुनिया है,न संतुष्टि। एक कलाकार के लिए अभिनय की दुनिया एक दुनिया है जो उसे अभिनय के लिए प्रोत्सहित करता रहता है , मैंने कदम रखते ही बड़े-बड़े स्टार्स के साथ बड़ी बड़ी फ़िल्में की . प्रोडूसर से पैसे मिले, डायरेक्टर के गुण और सहयोगी कलाकारों का स्नेह . कुल मिलकर हर कदम पर मुझे सीखने का मौक़ा मिला.
आप वर्तमान में सभी भोजपुरी के सुपर स्टार्स के साथ फ़िल्में कर रही है ,क्या क्या सीखने को मिला आपको सुपर स्टार्स से ?
सीखने को तो हर पल समाज ,लोग,परिवेश,माहौल,परिस्थिति सीखती ही रहती है।मैंने अभिनय से जुड़े आयाम सीख कर ही फ़िल्मी दुनिया में कदम रखा। रंगमंच किया,कथक में डिप्लोमा, वेस्टर्न या मॉडर्न डांस का भी ज्ञान प्राप्त किया,गायकी सीखी ,वेशभूषा हो या रूपसज्जा या हो ड्रायविंग या स्विमिंग ,मतलब हमने अपनी तयारी पूरी करके फिल्म जगत में कदम रखा । हर व्यक्ति की अलग अलग सोच होती है,हमारे स्टार्स भी अलग अलग स्टाइल में माहिर । हमने उनके ताल से ताल मिलाया और काम शुरू किया चाहे वह रवि जी हों , दिनेश लाल यादव जी, पवन सिंह जी हों या खेसारी लाल जी .
छोटे परदे पर अनुभव कैसा रहा ?
काफी अच्छा रहा . मुझे ख़ुशी है की मेरे शो जिला टॉप को बिहार यु पी के दर्शको ने काफी पसंद किया है . मुझे रोजाना बधाई के फोन आते हैं . इस शो को देखकर मुझे कई ऑफर भी आये हैं . टीवी एक ऐसा माध्यम है जिस से हम दर्शको के घर तक पहुच जाते हैं . जिसका फायदा फिल्मो में मिलता है . अच्छा लगता है जब मेरे जानने वाले मुझे जिला टॉप के उपनाम से बुलाते हैं . मैं महुआ टीवी और साईं बाबा तेली फिल्म्स को धन्यवाद देना चाहूँगा जिन्होंने मुझे एक अच्छे शो के लिए चुना.
आपकी अभिनीत फिल्म “प्रतिघात” प्रदर्शित होने वाली है,दर्शको से आप क्या कहना चाहती है ?
“प्रतिघात” नारी सशक्तिकरण की एक मिसाल वाली फिल्म है,टीम के सारे लोग गुनिजन डायरेक्टर आनंद गहतराज,जी का कमाल,लेकिन प्रोडूसर नीरज यादव जी ने तो कर दिया
बवाल,रक्षक ही बना भक्षक इस फिल्म में, कमाल की कहानी है मनोज पाण्डेय जी की। दर्शको आप इस फिल्म को देखें और मेरे साथ साथ हमरे टीम के सभी गुनीजनो को अपना आशीर्वाद दें।
आपकी कई फ़िल्में आने वाली है कुछ आने वाली फिल्मों के विषय में बताइए?
आने वाली फिल्मो में खेसारी लाल के साथ बलमा बिहार वाला”, पवन सिंह के साथ ठोक देब , “प्यार झुकता नहीं”, प्रतिज्ञा २ आदि शामिल है . मुझे ख़ुशी है की मेरी सभी फिल्मो में मेरा किरदार बिल्कुल ही अलग है . हर फिल्म में मेरे किरदार को दर्शको का प्यार ज़रूर मिलेगा . वैसे भी बिहार के दर्शक मुझे बिहार की बेटी के तौर पे जानते हैं और वहाँ जाने पर अथाह जनसमूह का प्यार मुझे मिलता है,वो न कभी मैं भूलती हूँ
और न ही कभी भूलूंगी क्योंकि उनके प्यार से ही मुझे शक्ति मिलती है .
आप दर्शको को क्या सन्देश देंगी?
“मेरा वजूद तुमसे है,मन भी तुम,जान भी तुम,तुमसे है औकात, हजारो बातों में कहना है एक बात, तेरे दम से ही दम है, ना छोड़ना मेरा साथ” . आप मेरी फ़िल्में देखें और मुझे अपना प्यार और स्नेह दीजिये,मैं हर वख्त कोशिश करती रहूंगी,एक नए किरदार में आपका स्वस्थ मनोरंजन करती रहूँ ………