भोजपुरी अकादमी ने हाल ही में पटना में एक भव्य समारोह आयोजित कर कई भोजपुरिया दिग्गजों को सम्मानित किया था लेकिन अकादमी के कुछ फैसलों से आहत प्रसिद्द भोजपुरी गायक भारत शर्मा व्यास व लोकगायक अभिनेता मनोज तिवारी ने सम्मान वापस करने का फैसला किया है। यह जानकारी अखिल विश्व भोजपुरी विकास मंच ने एक पत्रकार परिषद् में यह जानकारी दी। मंगलवार को जमशेदपुर में आयोजित एक प्रेस वार्ता में मंच ने अकादमी पर आरोपों की झड़ी लगा दी। उन्होंने आरोप लगाया है की भोजपुरी अकादमी का कार्य भोजपुरी भाषा व साहित्य को बढ़ावा देना है लेकिन अकादमी ने सिर्फ अपने अध्यक्ष का सम्मान कराने के कुछ भी नहीं किया है। यहाँ तक की उन्होंने अपने निजी फायदे के लिए एक गैर भोजपुरी भाषी गायिका को अपना ब्रांड अम्बेसडर घोषित कर दिया। जबकि शारदा सिन्हा, भारत शर्मा और मनोज तिवारी का इस क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान है। शर्मनाक बात तो यह है की अकादमी ने शारदा सिन्हा को समारोह में बुलाना भी उचित नहीं समझा। अकादमी के इसी नाकारात्मक रवैये से नाराज़ भोजपुरी सम्राट भारत शर्मा व मनोज तिवारी ने सम्मान लौटाने का फैसला किया है। उल्लेखनीय है की अकादमी के अध्यक्ष के खिलाफ कई मामले अख़बारों की सुर्खियाँ बनी हुई है फिर भी बिहार सरकार ने अध्यक्ष के खिलाफ कोई कारवाई नहीं की है।
पत्रकार वार्ता में अखिल विश्व भोजपुरी विकास मंच के महामंत्री प्रदीप सिंह, भोजपुरिया डॉट कोम के संचालक सुधीर कुमार, गंगा प्रसाद अरुण, अरविन्द विद्रोही, शशि भूषण मिश्र, रंजन दुबे, नरेन्द्र कुमार, कवलेश्वर पाण्डेय, रोहित सिंह, बनती सिंह, उषा सिंह, नीरज कुमार, मनोज सिंह, राजेश पाण्डेय , उमेश पाण्डेय, ललित पाण्डेय आदि शामिल थे। अकादमी के इस रवैये के खिलाफ भोजपुरी की कई संस्थाओं ने विरोध प्रकट किया है।