सब दिन होत न एक समाना
एक दिन राजा हरिश्चन्द्र गृह कंचन भरे खजाना
एक दिन भरे डोम घर पानी
मरघट गहे निशाना सब दिन होत न एक समाना ….
एक दिन राजा रामचन्द्र जी, चढ़ के जात विमाना जी
एक दिन उनका वनवास भयो
दशरथ तजे प्राणा साधु सब ….
एक दिन अर्जुन महाभारत में, जीते इन्द्र समाना जी
एक दिन भीलन लुटी गोपिका
वही अर्जुन वही बाणा ….
एक दिन बालक भयो गोदीया मा
एक दिन भयो सयाना
एक दिन चिता जरे मरघट पे
धुआं जात असमाना ….
कहत कबीर सुनेउ भाई साधो
यह पद हे निर्वाणा
यह पद का जो अर्थ लगइहें
होनहार बलवाना, सब दिन…