बिहार के एक छोटे से जिले बक्सर के रहने वाले अरविन्द अकेला उर्फ़ कल्लू जी ने अपने कैरियर की शुरुआत एक अल्बम से किया था और आज उनकी प्रसिद्धि का आलम ये है कि हर फिल्म निर्माता उन्हें अपनी फ़िल्म में लेकर अपना व्यवसाय स्थापित करना चाहता है । एक दौर था जब भोजपुरी गायकी के क्षेत्र में बड़े बड़े धुरंधरों ने भी कल्लू से ईर्ष्या करना शुरू कर दिया था जब कल्लू जी का अल्बम “चोलिया के हूक राजा जी” बम्पर हिट हुआ था और तभी कल्लू जी का फ़िल्मी कैरियर भी शुरू नहीं हुआ था। प्रसिद्धि का यही आलम देख कर फिल्म निर्माताओं ने कल्लू को पहली बार सन 2010 में बताशा चाचा फिल्म में कास्ट किया और फिर उसके बाद से तो अरविन्द अकेला कल्लू ने फ़िल्मी कैरियर को अपना लक्ष्य बनाकर पूरा फ़ोकस उसी तरफ देना शुरू किया।
कई बार ये होता है कि कोई प्रतिभा अपने दम पर आगे तो बढ़ती है लेकिन उसको पारिवारिक सहयोग नहीं मिल पाता है लेकिन इस मामले में किस्मत के कल्लू जी धनी रहे की उनको परिवार से उनके पिताजी चुनमुन चौबे ने भरपूर सहयोग देना शुरू किया। पिता का यही विश्वास कल्लू को आगे बढ़ाने में संजीवनी का काम किया और 14 साल की उम्र से गायकी के क्षेत्र में अपना अभियान शुरू किये कल्लू जी बताते हैं कि अगर उनके पिता चुनमुन चौबे का सहयोग नहीं मिला होता तो आज ये शोहरत की बुलंदियां और सफ़लता उनके हिस्से में नहीं आती। तब से लेकर अब तक कल्लू जी ने लगभग 50 से अधिक अल्बम और दर्जन भर भोजपुरी फिल्मों में अपने सुर और अभिनय का लोहा मनवाया। हुकूमत, कलुआ भईल सयान, दीवानगी हद से ,एक लैला तीन छैला, बलमा बिहारवाला 2, हमार त्रिदेव जैसी बड़ी फिल्मों में अपनी अदाकारी का लोहा मनवा चुके कल्लू जी अभी अपनी फिल्म “कहानी किस्मत की”की शूटिंग में व्यस्त हैं। अभी इस साल उनकी आनेवाली फिल्मों में रंग, इण्डिया vs पाकिस्तान, त्रिशूल, तुम्हारे प्यार की कसम, राईफल सुंदरी और कहानी किस्मत की प्रमुख हैं। उम्मीद है कि आनेवाले समय में कल्लू जी अपने बुलन्द कैरियर को और आगे बढ़ाएंगे और इसी तरह से लोगों का मनोरंजन करते रहेंगे ।