जीये मरे के बेबसी (भोजपुरी कहानी संग्रह)
भोजपुरी के चर्चित कवि आ कथाकार पाण्डेय सुरेन्द्र के पन्द्रह भोजपुरी कहानियन के संग्रह जीये मरे के बेबसी के स्वागत करत हमरा बहुत ख़ुशी होता। हम एह प्रकाशन के भोजपुरी कहानी जगत के एगो बड़ उपलब्धि मानत बानी। १९४७ ई० में जवन आजादी मिलल, ऊ त एह देश के आजादी रहे बाकिर भोजपुरी के साहित्यिक कहानियन के शुरुआतो संजोग से लगभग ओही समय भइल…
कहानीकार के कई कहानियन में अइसन अतृप्त परेम तरह तरह के रूप ध के फसाद करत दिखाई पड़ता। उहे अतृप्त प्रेम कबो मयंक मिसिर के रूप में त कबो रघुनाथ मिसिर से रहमत मियां के रूप में लउके लागता त एमें ताज्जुब का ?
चिन्ही कही रहमते मियां सुलेमानो के त दादा न रहन।
एह भोजपुरी कहानी संग्रह के सब के सब कहानी मानवीय संवेदना के कीमती धागा से बीनल गइल बाड़ी स।
कहानीकार: पान्डेय सुरेन्द्र
प्रकाशक: भोजपुरी संस्थान, इन्द्रपुरी, मार्ग -३, पटना – ८०० ०२४
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