जय भोजपुरी जय भोजपुरिया परिवार द्वारा आयोजित कार्यक्रम प एगो रिपोट

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जय भोजपुरी जय भोजपुरिया के कार्यक्रम के बारे में आपन बात राखत रवि शंकर तिवारी “बिट्टु” जी

बीतल 18-नवम्बर के दिन अपना आप में इतिहास रच गइल, अवसर रहे “जय भोजपुरी जय भोजपुरिया परिवार द्वारा आयोजित भोजपुरी साहित्यिक आ सांस्कृतिक महोत्सव”के।

कार्यक्रम के सफ़ल आयोजन खातिर शुभकाना देवे चाहब जय भोजपुरी जय भोजपुरिय परिवार के अध्यक्छ आदरणीय सतीश कुमार त्रिपाठी जी के,आ पुरा परिवार के, साथे साथे धन्यबाद देवल चाहब अमहीं गांव आ छठियांव बाजार के लोग के,पुरा जवार के,जे सब लोग ये सफ़ल आयोजन में भरपुर सहभागी बनल कलाकार आ कवी,सबके हौसला अफ़्जाई कइल।

हिंदुस्तान के हर कोना कोना में जय भोजपुरी जय भोजपुरिय परिवार के लोग बा ओहि सब का सहयोग से ई कार्यक्रम अपना आप में ऐतिहासिक साबित भइल.शायद इहे कारन बा जवना से ई परिवार समाज में आपन विशेष छाप विखेर रहल बा, सफ़ल साबित हो रहल बा।

विगत कुछ समय में जवन दृश्य देखे के मिलल बा ओसे ई साबित होगइल बा,की आवेवाला समय ओकरा ख़ातिर आसान नइखे जे भोजपुरी में गन्दगी फइला रहल बा,गंदा गा रहल बा,लिख रहल बा,अश्लिल सुन रहल बा.प्रमाण रउरा सामने बा,ओ लोग के स्वागत लोग चपल,जूता,ईटा,पत्थर से भरपुर करता,ओकर गाड़ी तुरी देता, भगा दिहल जाता लोग संकेत बिलकुल स्पस्ट बा.

अब एकरा दूसरा पहलु पर सोचीं,जवन फोटो में लउकत बा “आस्था केन्द्रम अमहीं बांके से लेके छठियाँव बाजार तक”इ जेतना लोग जुटल बा,सब लोग दृढ़संकल्प ले चुकल बा कि ई लोग भोजपुरी के गन्दा गीत ना सुनी,जवन अच्छा बा उहे सुनी अपना परिवार के सुनाई साथे साथे दुसरा के प्रेरित भी कर रहल बा की रउरा भी भोजपुरी के अच्छा गीत बा उहे सुनी,लिखीं,पढ़ी,गईं आ गुनगुनाई।

जवना तरीका से “जय भोजपुरी जय भोजपुरिया”परिवार के अध्यक्छ आदरणीय “सतीश त्रिपाठी जी”ई आयोजन करा के अपना तथा अपना पुरा परिवार का साथे,पुरा जवार का परिवार का साथे एक मंच पर एकर आनंद लिहनी ह,ये तरे के सोच राउर बा की ना? की रउरा ओहि फुहरकम के सपोर्ट करतानी? निर्णय रउरा लेबे के बा,स्वयं से एकर मुल्यांकन करि,आवे वाला समय में हर ओह सतीश त्रिपाठी के सपोर्ट करि जे समाज में एह तरे के आयोजन के मादा राखत बा।

जय भोजपुरी जय भोजपुरिया के कार्यक्रम के बारे में आपन बा राखत संगीत सुभाष जी

हमरा त बुझाते नइखे कि 18 नवम्बर, 2018 के जय भोजपुरी-जय भोजपुरिया के कार्यक्रम का बारे में का लिखीं? ओहीदिने से देश-विदेश के सब भोजपुरिया एकरा बारे में लिखत आ कहत बाड़ें। त हमहूँ सबका सुर में आपन सुर मिलावत कार्यक्रम में कवनो तरह से छोटहनो से छोटहन गतिविधि में शामिल भइल सबके धन्यवाद देत बानीं आ आभार व्यक्त करतानीं। हिन्दुस्तान का कोना- कोना से आइल सबके राह की तकलीफ के हम अपना तकलीफ जइसन महसूस करतानीं। रउरा आवे में जवन कष्ट भइल होई, सब हमरा के सँउपि दीं।

संगीत सुभाष जी के साथे शशि अनाड़ी जी
संगीत सुभाष जी के साथे शशि अनाड़ी जी

एतना बड़हन आयोजन में कवनो ना कवनो कमी हो सकता, केहू ना केहू का कवनो ना कवनो दिक्कत हो सकता। ओ कमी आ दिक्कत के हमरा लूर- ढंग के कमी आ गलती समुझ के माफ करबि सभे, एसे कि अध्यक्ष आदरणीय सतीश तिवारी जी के निर्देश रहल ह कि कवनो कमी ना होखे के चाहीं।

अध्यक्ष आदरणीय सतीश कुमार त्रिपाठी जी, उहाँ के धर्मपत्नी सौ. मुन्नी देवी( पूरा परिवार का संगे) आ बड़भाई केशव तिवारी( चुन्नू बाबा) के धन्यवाद दिहला बिना सब अधूरा रही। पूरा परिवार “भोजपुरी साहित्यिक आ सांस्कृतिक महोत्सव” खातिर आपन जीव-धन लगा दिहले रहल ह।

कार्यक्रम के सफलता- असफलता आ सार्थकता पर कार्यक्रम में उपस्थित आदरणीय भोजपुरिया सब करो आ भविष्य खातिर सुझाव देउ। राउर सुझाव आ सलाह हमनीं खातिर बहुत उपयोगी रही।

कार्यक्रम के बारे मे प्रीति कुशवाहा जी के विचार

मदन राय जी से आशीर्वाद लेत प्रीति कुशवाहा जी
मदन राय जी से आशीर्वाद लेत प्रीति कुशवाहा जी

सब लोग के जय भोजपुरी जय भोजपुरिया,रात के कार्यक्रम ऐतिहासिक भइल बा, आ सब लोग से मुलाकात पहिलका बेर भइल रहे लेकिन अइसन कबो ना लागल की पहिलका मुलाकात बा,आ सबसे बड़ बात ई बा कि आदरणीय अध्यक्ष जी श्री सतीश कुमार त्रिपाठी,आदरणीय श्री संगीत सुभाष जी एतना कार्यक्रम के आयोजन के जिम्मेदारी होखला

के बाद भी एक एक आदमी के रहेके,खायेके,सुतेके,बइठे के बहुत ख्याल रखनी जा।

आ एक बात और बा कि उहाँ लोग सब लोग के नाम रख के बोलावत रहनी जा आ सब लोग के नाम उहाँ लोग के याद रहे। आ रहल बात हमार त सब परिवार के लोग से बहुत सारा दुलार, प्यार, आशीर्वाद मिलल मन एकदम खुश हो गइल, सब लोग से मिल के बहुत अच्छा लागल। जय भोजपुरी जय भोजपुरिया

कार्यक्रम के बारे मे राकेश तिवारी बबलू जी के विचार

राकेश तिवारी बबलू जी के साथे दिलीप पैनाली जी
राकेश तिवारी बबलू जी के साथे दिलीप पैनाली जी

मन, नदी के लहरे नियन हिचकोला मारि-मारि मगन हो रहल बा। बिहार के अमहीं में पहिली बेला हमार कार्यक्रम काल्हि १८ नवंबर २०१८ के रहल जेकरा में उंहा उपस्थित लोगन के एतना नीमन प्यार दुलार हमरा के मिलल कि हम अपना के भूलि गइनी। राउर सभेन के एंह दुलार के कर्जा हम कभौं ना उतारी पाउब अउर माई दुर्गा से इहै गुहार करब कि राउर सभन के ई कर्जा हमरा पे हमेशा-हमेशा बनल रहे कांहें से कि अइसन कर्जदार, दुलार के कर्जदार होखला में ही मजा बा।

भइया सतीश त्रिपाठी, सुभाष पांडे भइया, मदन भइया, संजोली बहिन सब के अनघा-अनघा आभार बा अउर एक गुहारौ बा कि राउर सभेन के नेह-छोह आपन भोजपुरी बदे हर हमेशा बनल रहे अउर बनल रहे हमरा से ई दुलार वाला रिस्ता।

कार्यक्रम के बारे मे विनोद कुमार भोजपुरीया जी के विचार

मदन राय जी के साथे बिनोद कुमार भोजपुरिया जी
मदन राय जी के साथे बिनोद कुमार भोजपुरिया जी

काल्ह “जय भोजपुरी-जय भोजपुरिया” के अमही मिश्र, गोपालगंज में “भोजपुरिया साहित्यिक आ सांस्कृतिक महोत्सव” रहे। ओह आयोजन में हमरो के ‘भोजपुरी भाषा आ संस्कृति में सार्थक जोगदान खातिर’ अंगवस्त्र (शाल) आ स्मृति-चिन्ह दे के सम्मानित कइल गइल, हमरा अइसन आदमी खातिर ई बहुते बड़हन बात बा। एह बड़ सम्मान से हम भाव बिभोर बानी।

वइसे भोजपुरी खातिर हमार कवनो बड़हन जोगदान नइखे। हमरा में विशेष इहे बा कि आज के एह मॉडर्न आउर अंग्रेजी के जुग में भी भोजपुरी लिखेनी-पढ़ेनी,बोलेनी आ जियेनी। ओहु में विशेष लोग के जोगदान बा जवना से हम भोजपुरी लिखे लगनी आ पढ़े लगनी। जवना से भोजपुरी के विशिष्ट लोग हमसे जुड़े लागल। जवन हमरा खातिर बड़ चीझु रहे आ अभियो बा। हमरे देखा-देखी आउर लोग जे हमरा सम्पर्क में रहे आ भोजपुरी ना लिखत रहे (लजात रहे, सकुचात रहे) उहो लोग लिखे लागल, सीखे लागल।

भोजपुरी में नीमन के सराहे के भरसक प्रयास बा आ रही। भोजपुरी भाषा, संस्कृति के जोगावे आ बढ़ावे के उतजोग कइल जाइ। जेतना ले होइ आ कइलो जाता। अपना से उठाव ना धइल जाइ…

सबका के जय भोजपुरी

कवी हिरदयानन्द विशाल जी, मदन राय जी, प्रीति कुशवाहा जी आ बिनोद कुमार भोजपुरिया जी
कवी हिरदयानन्द विशाल जी, मदन राय जी, प्रीति कुशवाहा जी आ बिनोद कुमार भोजपुरिया जी
राकेश तिवारी बबलू जी
राकेश तिवारी बबलू जी
जय भोजपुरी जय भोजपुरिया परिवार के कुछ सदस्य
जय भोजपुरी जय भोजपुरिया परिवार के कुछ सदस्य
संजोली पांडेय जी, प्रीति कुशवाहा जी के साथे राकेश तिवारी बबलू जी
संजोली पांडेय जी, प्रीति कुशवाहा जी के साथे राकेश तिवारी बबलू जी

रउवा खातिर:
भोजपुरी मुहावरा आउर कहाउत
देहाती गारी आ ओरहन
भोजपुरी शब्द के उल्टा अर्थ वाला शब्द
जानवर के नाम भोजपुरी में
भोजपुरी में चिरई चुरुंग के नाम
भोजपुरी के पुनरुक्ति शब्द आ युग्म शब्द
भोजपुरी शब्द संरचना

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