हमहूं लूटीं तेहू लूट।
दूनो पहिने मंहग सूट।
उपर वाले के भी खियाव।
अपने पीअ आ उनके पियाव।
अईसे जो कईले जईब त
रिश्ता हरदम रही अटूट।
हमहूं लूटीं तेहू लूट।
अंगरेजन के हवे सिखावल।
आ हमनी के ई अपनावल।
शासन अगर करे के बा त
जनता मे डरले जा फूट।
हमहूं लूटीं तेहू लूट।
अगर करे केहू कंप्लेन।
साहब के द तू सैम्पेन।
उनसे मिल-जुल मौज उड़ाव
साथे उनके ल दूई घूंट।
हमहूं लूटीं तेहू लूट।
आदिकाल से चली आईल बा।
केहू न येसे बच पाईल बा।
केहू के मान के ना बा रोकल
जे रोकी हो जाई ठूंठ।
हमहूं लूटीं तेहू लूट।