फिल्म प्रोडूयसर, एक्ट्रैस और लेखिका माया यादव अपनी भोजपुरी फिल्म मोहब्बत से भोजपुरी फिल्मों में भव्य पारिवारिक फिल्मांकन एक नया ट्रैंड शुरू करना चाहती है आमतौर पर ऐसा माहौल राजश्री प्रोडक्शंस की हिंदी फिल्मों में देखा जाता है। लखनऊ में बने हवेली जैसे रिसोर्ट में यह पूरी तरह से फिट बैठ रहा है। माया यादव ने अपने प्रोडक्शन हाउस से पहली फिल्म ‘संसार’ बनाई थी। भोजपुरी फिल्म मोहब्बत की एक खास बात और है कि इसकी कहानी खुद माया ने ही लिखी है, वह कहती है ‘अच्छी फिल्में लोग पंसद करते है, कई बार फिल्म मेकर ज्यादा सस्ती और सेक्सी फिल्म बनाकर ज्यादा कमाई करना चाहते है। जिसकी वजह से यह लगता है कि भोजपुरी में अच्छी फिल्में नहीं बनती। मेरा प्रयास है कि इस मिथक को तोडा जाये।अच्छी पारिवारिक फिल्में बनाई जाये जिनको भोजपुरी दर्शक परिवार के साथ देख सके।’
झारखंड की बेटी और उत्तर प्रदेश की बहू माया यादव की शुरूआती शिक्षा रांची में हुई, आजमगढ में उनकी शादी हुई, शादी के बाद पति ने मुम्बई में अपना बिजनेस शुरू किया। माया को 3 बेटियां और एक बेटा है, जब बच्चे बडे हो गये और मुम्बई जैसे शहर में जरूरतें बढने लगी तो पति का साथ देने के लिये माया ने एक्टिंग करनी शुरू की। हिन्दी फिल्मो में छोटे छोटे रोल से शुरूआत की धीरे धीरे उनकी अलग पहचान बनी। अब तक वह 25 हिंदी और 125 भोजपुरी फिल्मों में काम कर चुकी है। भोजपुरी उनकी अपनी बोली है। ऐसे में वह इसकेे लिये बहुत कुछ करना चाहती है।
एक्ट्रैस से प्रोडूयसर बनने के अपने सफर पर माया कहती है ‘एक्टिंग करना सरल था यहां जिम्मेदारी बढ जाती है नया अनुभव मिला, एक्टिंग मेरा पहला प्यार है। मैं इसको करती रहूंगी और वहां से जो कमायेगे वह अपनी पंसद की फिल्में बनाने में लगाते रहेगे मेरा सपना है कि भोजपुरी फिल्मो को समाज में वह जगह मिले जो हिन्दी सिनेमा को मिलती है।’ माया को गाना गाना पसंद है उनको अंहकार में रहने वाले लोग पंसद नहीं है.वह कहती है अपनी फिल्म ‘मोहब्बत‘ बनाने के लिये 5 से 6 फिल्मों में एक्टिंग करने से मुझे मना करना पडा क्योकि यहां बहुत समय देना होता है। फिल्म ‘मोहब्बत’ की लोकेशन, ड्रेस, सीन, सब कुछ ऐसे ही फिल्माया जा रहा है जैसा राजश्री की फिल्मों में होता है।
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