रविंद्र भवन में ओपेन हाउस डिबेट में भोजपुरी इंडस्ट्री में डेब्यू कर रही मराठी अभिनेत्री तेजल चौधरी ने कहा कि अचछी स्क्रीप्ट पर बनी फिल्में ही हिट होती है। सैराट ने अच्छा करोबार किया, क्योंकि उसकी पटकथा लोगों से खुद को कनेक्ट करती है। तेजल ने भोजपुरी फिल्मों के बारे में कहा कि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। ये निर्भर आप पर करता है कि आप उसे किस तरह से लेते हैं। मैं आज सकारात्मक सोच की वजह से भोजपुरी से जुड़ी और पटना फिल्म फेस्टिवल की हिस्सा बनी। कोई भी इंडस्ट्री तो इंडस्ट्री होती है। मगर अच्छी फिल्में ही लोगों को पसंद भी आती है और बॉक्स ऑफिस पर बड़ा करोबार करती है। वहीं, फिल्म मेकर राहुल कपूर ने कहा कि भोजुपरी इंडस्ट्री में भी अच्छी फिल्में बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। कमियां हैं, लेकिन कई बार हम सुनी – सुनाई बातों पर ही भोजपुरी को नकार देते हैं। उन्होंने कहा कि जब तक इंडस्ट्री से प्रपोजल बना कर सोचने की परंपरा खत्म नहीं होगी तब तक भोजपुरी का उद्धार नहीं होगा। साथ ही थियेटरों की कमी भोजुपरी फिल्में के पिछड़़ने के लिए जिम्मेवार है।
वहीं, फिल्म मेकर अभिलाष शर्मा ने कहा कि सिनेमा के पीछे सोच का होना जरूरी है। आज सिनेमा में भाषाई डिविजन है, मगर मेरे लिए सिनेमा सिर्फ अच्छा या बुरा है। इसलिए लोग जब बुरी फिल्मों को नकारेंगे तो वैसी फिल्में आनी खुद बंद हो जाएगी। मैं समझता हूं जो सच के करीब ले जाए, वही सिनेमा है चाहे भाषा कोई भी हो। आज भी जिनके अंदर जुनून है वो रास्ता निकाल लेंगे। सच ही आपकी पहचान बनती है। पत्रकार अवधेश प्रीत ने कहा कि आज के फिल्मकारों को कंटेंट में बदलाव के लिए बिहार में लिखी रचनात्मक कहानियों से इंसपरेशन लेना पड़ेगा। भोजुपरी ही आज सिंगल थियेटर को बचा रही है। क्यों ऐसा है कि शैवाल जैसे लेखक भोजपुरी मेकरों को नहीं दिखते, मगर वे कहते हैं कि अच्छी कहानियों का अभाव है। इस दिशा में भी फिल्म मेकरों को ध्यान देना होगा।
इससे पहले आज पटना फिल्म फेस्टिवल 2016 के दौरान रिजेंट सिनेमा में अंतरद्वंद, बोकुल, स्कूटिंग फॉर जेब्राज का प्रदर्शन हुआ। वहीं, रविंद्र भवन के दूसरे स्क्रीन पर भोजपुरी फिल्म होगी प्यार की जीत, रणभूमि और अचल रहे सुहाग दिखाई गई। इसके अलावा तीसरे स्क्रीन पर परशॉर्ट एवं डॉक्यमेंट्री फिल्मों भी दिखाई गई। अंत में सभी अतिथियों को बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम के एमडी गंगा कुमार ने शॉल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस दौरान बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम की विशेष कार्य पदाधिकारी शांति व्रत भट्टाचार्य, तेजल चौधरी, अभिनेता विनीत कुमार, फिल्म समीक्षक विनोद अनुपम, मनोज राणा, अजीत अकेला, फिल्म फेस्टिवल के संयोजक कुमार रविकांत, मीडिया प्रभारी रंजन सिन्हा मौजूद रहे।