चौबे जी, सबसे पहले आप यह बताईयेकी आप राजनीति सेजुड़े है और फ़िल्म निर्माण में भी अहम भूमिका निभा रहे है कैसे तालमेल बैठा पाते है ?
मैं इटावा उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ इटावा राजनीति पृष्टभूमि वाला जिला है राजनीति से जुड़कर समाज सेवा करने का प्रयास करता हूँ समाज सेवा किसी भी रूप में की जा सकती है फिल्मे समाज का आईना होती मैं साफ़ सुथरी ,पारिवारिक पृष्टभूमि वाली फिल्मो से समाज को एक उदाहरण पेश करना चाहता हूँ की मनोरंजन के क्षेत्र में भी फिल्मो के जरिये समाज सेवा की जा सकती है और यही कर्त्तव्य करने के लिए फिल्मो से जुड़ा हूँ।
भोजपुरी फिल्मो से जुड़ने की कोई खास वजह?
जी हाँ बचपन से ही फ़िल्म निर्माण से जुड़ना चाहता था लेकिन फ़िल्म बनाने से जरुरी भी जीवन में बहुत कार्य होते है वह लगभग मैं कर चूका हूँ ,रही भोजपुरी की बात मैं इटावा का हूँ जहा से थोड़ी ही दुरी पर भोजपुरी छेत्र शुरू हो जाता है इसीलिए भोजपुरी से लगाव है, भोजपुरी के निर्माण से जुड़ना सौभाग्य समझता हूँ।
आपकी आनेवाली कौन कौन सी फिल्मे है?
सबसे पहले १७ मार्च को देवरा भइल दीवाना ,सेटिंगबाज़ ,सईया जी दिलवा मांगले,यह तीनो फिल्मे मार्च एवं अप्रैल में रिलीज़ होने जा रही है देवरा भइल दीवाना और सईया जी दिलवा मांगले में राजकुमार पाण्डेय निर्देशक है तथा सेटिंगबाज़ में साकेत यादव निर्देशक है, इन फिल्मो में पवन सिंह,मनोज तिवारी ,प्रदीप पाण्डेय (चिण्टू) राहुल सिंह, मोनालिसा, पाखी हेगड़े, अपूर्व बिट, बृजेश त्रिपाठी, अनिल यादव, अवधेश मिश्रा, मंटू लाल, संजय पाण्डेय आदि कलाकारो ने इन तीनो फिल्मो में अपनी-अपनी कला को प्रदर्शित किया है, मैं इन फिल्मो में प्रेज़ेंटर के रूप में हूँ।
लोगो की सोच है की भोजपुरी फिल्मो में बहुत बोलडनेस होती है, इस बारे में आपका क्या कहना है?
मैं पहले भी बता चूका हूँ की दर्शको का ध्यान रखकर ही फिल्मे बनाई जाती है मनोरंजन के हिसाब से भोजपुरी ही क्यों हिंदी में तो भोजपुरी से ज्यादा बोलडनेस होता है , बोलडनेस बुरी चीज़ नहीं है उसको फिल्माने का तरीका अच्छा होना चाहिए, हिंदी हो या भोजपुरी हम सभी दर्शको की पसंद के हिसाब से फिल्मो का निर्माण करते है, फ़िल्म देखने का नजरिया ख़राब है तो ख़राब ही लगेगी।
आप आर्टिस्टों से एक्टिंग कराते है क्या कभी आप स्वयं एक्टिंग करेंगे?
नहीं, मैं एक्टिंग कभी नहीं करूँगा, मैं किंगमेकर हो सकता हूँ किंग नहीं।
आपकी और कौन-कौन सी फिल्मो पर कार्य चल रहा है?
दिलबरजानी, साला मैं तो साहब बन गया, साली आधी घरवाली आदि फिल्मो पर कार्य चल रहा है।
क्या देश भक्ति पर भी फिल्मे बनाएँगे ?
मन जरुर है समय आने पर दर्शको की डिमांड पर जरुर बनाऊंगा।
चलते -चलते यह बताईये की आप समाजवादी सोच के है फिर भी एक तरफ मुज़फ्फर नजर दंगे से लोग परेशां थे और आपके नेता सलमान, माधुरी, मल्लिका आदि के साथ सैफई में डांस देख रहे थे, क्या कहेंगे?
मुजफरनगर दंगे का बेहद अफ़सोस है, सरकार व् प्रशासन ने इसे गम्भीरता से लिया था और हर संभव मदद करने का प्रयास किया, मुलायम सिंह जी हमारे नेता है अखिलेश जी की सरकार है अधिकांश चुनावी वादे सरकार पुरे कर चुकी है।
आज भी लोग ऊच -नीच ,जाती पांति में विश्वास करते है क्या कहेंगे ?
हम जाति-पांति ,ऊच नीच पर विश्वास नहीं रखते .जो लोग इस तरह की बात करते है उनको मेरी यही सलाह है की हम सब इंसान है और हमे भाईचारे से रहना चाहिए और हमेशा सभी के दुःख सुख में शामिल रहना चाहिए, जाती -पांति के भेदभाव को न मानकर सहयोग करना चाहिए
सर आपकी सोच अच्छी है क्या इस समस्या पर फ़िल्म बनाएँगे?
जी बिलकुल यह समस्या ख़त्म होनी चाहिए और इसे समाप्त करने में मैं जी भर सहयोग करूँगा .फिल्मो के माध्यम से यह समाप्त हो सकती है तो मैं इसपर जरुर फ़िल्म बनाने का प्रयाश करूँगा जिससे हमारे समाज को एक नयी दिशा मिल सके ..