भोजपुरी में व्याप्त अश्लीलता की आंधी में आज श्लीलता का दीपक जलाना कोई आसान काम नहीं है। बावजूद इसके इस मुश्किल काम को अंजाम देने का साहस दिखाया है भोजपुरी फिल्मों के लेखक-निर्देशक राजेश कुमार और निर्माता व अभिनेता अखिलेश कुमार ने….वो भी बिना किसी हिचक और झिझक के। इन्होंने समाज में व्याप्त दहेज की भयंकर समस्या पर एक फिल्म बनायी है ‘दहेज दानव’, जिसके ट्रेलर को यूए सर्टिफिकेट मिला है। और अब पोस्ट प्रोडक्शन का काम पूरा कर इस फिल्म को सेंसर में भेज दिया गया है।
बात अगर इस फिल्म के विषय की करें तो तृप्ति फिल्म प्रोडक्शन की इस फिल्म का शीर्षक ही सब कुछ स्पष्ट कर देता है। खास बात तो ये कि इसे तकनीकी तौर पर भी काफी बेहतर तरीके से बनाया गया है। मधुर एवं शालीन गीतों से सजी यह एक निहायत साफ-सुथरी पारिवारिक फिल्म है। इसे आप अपनी बहन-बेटी और मां के साथ बेहिचक थियेटराेें में जाकर देख सकते हैं। यकीन मानिए, इसमें एक भी दृश्य ऐसा नहीं है कि आपको बगलें झांकनी पड़ें। या यूं कहें कि ये फिल्म उस दौर के पुन: आरंभ होने का सीधा संकेत है, जब पूरे परिवार के साथ लोग बेहिचक भोजपुरी फिल्में देखने थियेटराेें में जाया करते थे।
इस फिल्म के गीत भी खुद इसके लेखक-निर्देशक राजेश कुमार ने ही लिखे हैं, जो बेहद स्तरीय हैं। कोई भी गीत आपको दोअर्थी नहीं मिलेगा। संगीतकार चंदन सिंह ने इसके संगीत पर खूब मेहनत की है। थियेटर में इसके हर गीत का संगीत आपको एकदम अलग होने का एहसास दिलायेगा। कहने का तात्पर्य यह है कि इसके हर पहलू पर काफी मेहनत की गयी है।
कल्पना शाह, अखिलेश कुमार, उदय श्रीवास्तव, गिरीश शर्मा, राहुल श्रीवास्तव, पिंकी सिंह, रूपा सिंह, जीतेंद्र वत्स, गोल्डेन बिहारी, घनश्याम दीवाने, अरुण प्यारे, राजदीप, आर.एस. गिरि एवं सुनील गोविंद ने इसमें अहम भूमिकाएं निभायी हैं और सभी ने अपनी ओर से अपने-अपने किरदारों को जीवंत बनाने का अंतिम प्रयास किया है।