चाँद के अंजोरिया से भइले अंजोर
कोयल कुके चिरई चिहके चहुओर
उठ भइल अब भोर
चाँद के अंजोरिया से भइले अंजोर
खटिया के छोड़ि सब उठले किसनवा
फुटली किरिनिया के भइले जनमवा
घाम भइल घनघोर,चुवे मइया के लोर
नाचे बनवा में मोर
चाँद के अंजोरिया से भइले अंजोर
मंदिर के घंटी टूनुन टून बाजे
भक्ति के पायलिया पाव में साजे
हाथ लिही अब जोरि, होखे मन में अंजोर
रस चुवे पोरे पोरे
चाँद के अंजोरिया से भइले अंजोर
रहेला गणेशवा फुस की मड़इया में
साथ देला खुबे सांच के लड़इया में
उठे मन में हिलोर , करे सब लोग शोर
खिले चंदा चकोर
चाँद के अंजोरिया से भइले अंजोर
रउवा खातिर:
भोजपुरी मुहावरा आउर कहाउत
देहाती गारी आ ओरहन
भोजपुरी शब्द के उल्टा अर्थ वाला शब्द